ऑल इंडिया किसान संघर्ष तालमेल कमेटी एवं किसान संगठनों की तरफ से किसान विरोधी तीन काले कानून व बिजली बिल 2020 को मुकम्मल तौर पर रद्द करवाने के लिए 8 दिसंबर को भारत बंद को एस यू सी आई कम्युनिस्ट ने अपना भरपूर समर्थन जारी किया है। एस यू सीआई कम्युनिस्ट के जिला सचिव कामरेड राजेंद्र सिंह एडवोकेट ने कहा कि इन काले कानूनों को रद्द करवाने की जरूरत तमाम समाज को है। भाजपा कि मोदी सरकार बड़े व्यापारिक कंपनियों, कारपोरेट घरानों के पक्ष में खुल्लम खुल्ला जनविरोधी तीन कृषि कानून बनाकर अब शोषित पीड़ित किसानों को बाजार के चक्रव्यूह में फंसा दिया है। इन काले कानूनों का मकसद खेती पर पूंजीपतियों का शिकंजा पूरी तरह कायम करना है ताकि वे अत्यधिक मुनाफा लूट सके। यदि इन्हें रद्द नहीं किया तो देश के 86 प्रतिशत छोटे एवं मध्यम दर्जे के किसानों का तबाह हो ना तय है। आवश्यक वस्तु कानून मैं संशोधन कर 6 जरूरी चीजें अनाज दालें आलू प्याज वनस्पति तेल और तिलहन की स्टॉक लिमिट खत्म कर जमाखोरी व कालाबाजारी की खुली छूट दे दी है। इससे किसानों उपभोक्ताओं के साथ–साथ वह परिवार भी संकट में पड़ेंगे जिनकी रोजी रोटी खेती पर निर्भर है।