उम्मीदों भरे भारत के निर्माण में नीति, नियत और नेतृत्व की भूमिका महत्वपूर्ण- संजय धोत्रे

-22 विद्यार्थियों व शोधार्थियों को स्वर्ण पदक, 14 को पीएच.डी., 08 को एम.फिल. और 737 विद्यार्थियों को मिली स्नातक व स्नातकोत्तर की उपाधि


हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ के सातवें दीक्षांत समारोह का आयोजन शनिवार, 27 फरवरी को हुआ। इस अवसर पर केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री श्री संजय धोत्रे मुख्य अतिथि के तौर पर ऑनलाइन माध्यम से कार्यक्रम की शोभा बढ़ायी। जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा क्षेत्र से संसद सदस्य श्री धर्मबीर सिंह समारोह में ऑनलाइन माध्यम से शामिल हुए। विश्वविद्यालय के मूलचंद सभागार में आयोजित इस दीक्षांत समारोह की शुरूआत कुलगीत के साथ हुई। इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्री संजय धोत्रे ने कहा कि आज का भारत उम्मीदों का भारत है और नए भारत के निर्माण में नीति, नियत और नेतृत्व की भूमिका अहम है। केंद्र में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत प्रगति के पथ पर अग्रसर है और समूचा विश्व भारत के प्रति सम्मान रखता है और उसकी ओर उम्मीदों के देखता है। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर.सी. कुहाड़ ने आभासी माध्यम से जुडे़ मुख्य अतिथि के समक्ष अपनी प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की तथा विश्वविद्यालय की स्मारिका का विमोचन किया। विद्यार्थियों, शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री श्री संजय धोत्रे ने सभी उपाधिधारकों व स्वर्णपदक विजेताओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज का यह दिन आप सभी के लिए बेहद खास है। आप सभी ने इस दिन के लिए कड़ी मेहनत की है। साथ ही आपके माता-पिता ने भी आपको जीवन में असीम ऊँचाइयों पर देखने के लिए बहुत त्याग व बलिदान दिया है। आज का दिन विद्यार्थियों के साथ-साथ उनके परिवारों व अध्यापकों के लिए गौरवशाली दिन है। श्री धोत्रे ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत बहुत तीव्र गति ने उन्नति कर रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे देश को 21वीं सदी में  वैश्विक ज्ञान का सुपरपावर बनाने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व व शिक्षा मंत्री श्री रमेश पोखरियाल निशंक के मार्गदर्शन में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू हो रही है। यह शिक्षा नीति मल्टीडिस्पिलनरी एप्रोच के साथ विद्यार्थियों को सर्वांगीण विकास के भरपूर अवसर प्रदान करती है। उन्होंने राष्ट्र निर्माण में विश्वविद्यालयों व विद्यार्थियों की भूमिका की सराहना की और कहा कि अब समय आ गया है कि आप इस विकास यात्रा के साझीदार बने। उन्होंने कहा कि भारत के लिए अब हमारा मूल मंत्र है सबका साथ, सबका विकास व सबका विश्वास। श्री धोत्रे ने इस अवसर पर हरियाणा राज्य का उल्लेख करते हुए कहा कि यह वो पावन भूमि है जो देश भर में कृषि विकास के लिए पहचानी जाती है। इस भूमि ने देश की सेवा में जो अपने युवाओं की आहूति दी है वो अविस्मरणीय है। उन्होंने राज्य की महिला शक्ति का उल्लेख करते हुए कल्पना चावला, रानी रामपाल, साक्षी मलिक तथा फोगाट बहनों के योगदान को भी याद किया। उन्होंने कहा कि हरियाणा वो राज्य है जिसके कण-कण में राष्ट्रभक्ति है और रग-रग में देश प्रेम दौड़ता है। श्री धोत्रे ने विद्यार्थियों से बड़े सपने देखने तथा छोटे लक्ष्यों से संतुष्ट न होने का आह्वान किया। साथ ही उन्होंने विद्यार्थियों से उद्देश्यपूर्ण जीवन जीने की अपील भी की। इस अवसर पर श्री संजय धोत्रे ने विश्वविद्यालय की प्रगति के लिए कुलपति प्रो. आर.सी. कुहाड़ के नेतृत्व की जमकर प्रशंसा की।

इससे पूर्व विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर.सी. कुहाड़ ने अपने संबोधन में विश्वविद्यालय की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की और मुख्य अतिथि व विशिष्ट अतिथि का उनकी उपस्थिति के लिए हृदय से आभार प्रकट किया। इस अवसर पर कुलपति ने उपाधि व स्वर्ण पदक पाने वाले विद्यार्थियों को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। साथ ही कुलपति ने उनके माता-पिता व शिक्षकों की भी सराहना की, जिन्होनें विद्यार्थियों की आकांक्षाओं को साकार करने में मदद की। कुलपति ने इस अवसर पर विश्वविद्यालय की उपलब्धियों का ब्यौरा प्रस्तुत करते हुए बताया कि इस वर्ष हमारे सामने आई चुनौतियों और बाधाओं के बावजूद, हमने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और शोध को बढ़ावा देने के अपने लक्ष्य और दृष्टिकोण को कमजोर नहीं होने दिया। इसमें कोई सन्देह नहीं है कि यह माननीय केंद्रीय शिक्षा-मन्त्री व माननीय शिक्षा राज्य-मन्त्री के निरंतर मार्गदर्शन और प्रेरणा से संभव हो सका है, जिन्होंने देश भर के छात्रों, शिक्षकों और शैक्षणिक संस्थानों के व्यवस्थापकों को प्रेरित करने के लिए सच्चे योद्धा के रूप में अथक प्रयास किया। उन्होंने कहा कि दीक्षान्त समारोह आप सबके परिश्रम के फलस्वरूप सफलता से मनाया जा रहा है जो आपने पिछले कुछ वर्षों में शिक्षा और शोध के क्षेत्र में किया है। विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान करना समाज और राष्ट्र के प्रति उनकी जिम्मेदारियों का अहसास कराना है। यह उपाधि एक ’अन्त’ नहीं है, अपितु ‘साधन’ है जिसके माध्यम से आप अब जीवन की चुनौतियों के लिए तैयार हो गए हैं। इसलिए, हम अपने उपाधिधारकों से यह अपेक्षा करते हैं कि वे अपने व्यावसायिक जीवन में अपने ज्ञान और कौशल का सर्वोत्तम उपयोग करके अनुकरणीय मानक स्थापित करेंगे। प्रिय विद्यार्थियों! यह उपाधि न केवल आपकी कड़ी मेहनत का परिणाम है, बल्कि यह आपके माता-पिता और शिक्षकों के निरन्तर मार्गदर्शन और सहयोग का परिणाम भी है।

विश्वविद्यालय की शोध उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए प्रो. कुहाड़ ने कहा कि तीन नई शोध परियोजनाओं एवं पिछले एक वर्ष में अतिरिक्त अनुदान के रूप में 25.70 लाख रूपये जारी किए जाने के साथ, वर्तमान में, संकाय सदस्यों द्वारा 20 वित्त पोषित शोध परियोजनाओं को आगे बढ़ाया जा रहा है। इसके अलावा, पिछले एक वर्ष के दौरान 03 नए पेटेंट दायर किए गए और 04 पेटेंट प्रकाशित किए गए। विश्वविद्यालय के संकाय सदस्यों ने प्रतिष्ठित राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं और 83 पुस्तकों या पुस्तक अध्यायों में 195 शोध पत्र प्रकाशित किए। इसी कड़ी में सूक्ष्मजीव विज्ञान और खाद्य सुरक्षा विषयक मैसिव ओपन ऑनलाइन कोर्स ने 50 से अधिक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों, संस्थानों व खाद्य उद्योगों के 3617 शिक्षार्थियों के रिकॉर्ड नामांकन के साथ तीसरा चरण सफलतापूर्वक पूरा किया है। इस  कोर्स का यूजीसी और सीईसी ने 10 अलग-अलग भारतीय भाषाओं में अनुवाद एवं इसके उपशीर्षक की शुरुआत की है, और सफलतापूर्वक अनुवाद के पश्चात् इसे ‘स्वयं’ प्लेटफार्म पर प्रस्तुत किया जाएगा। विश्वविद्यालय सामुदायिक दायित्वों की प्रति प्रतिबद्धता एवं जागरूक है। विश्वविद्यालय ने लैंगिक समानता, स्वास्थ्य, स्वच्छता, पर्यावरण जागरूकता, डिजिटल साक्षरता और मानसिक स्वास्थ्य से संबन्धित मुद्दों पर जनता को जागरूक करने का कार्य किया है। कोरोना वायरस, इसके प्रसार और इससे सुरक्षित रहने के तरीके के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए कई कार्यक्रमों, प्रतियोगिताओं, रेडियो वार्ताओं का आयोजन किया गया और दूरभाष के द्वारा भी इस संबंध में प्रयत्न किये गये। हमने अपने समुदाय-आधारित छात्र-केन्द्रित गतिविधियों के माध्यम से पास के गांवों में मास्क और सैनिटाइजर भी वितरित किए। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा एक ऑनलाइन लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम शुरू किया गया है जिसमें 34 विषयों की 260 से अधिक पाठ्यक्रमों की ई-सामग्री उपलब्ध है।

दीक्षांत समारोह में विश्वविद्यालय में कार्यकारी परिषद, शैक्षणिक परिषद व विश्वविद्यालय की कोर्ट के सदस्यों के अलावा विभिन्न शिक्षण संस्थानों, विश्वविद्यालय की विभिन्न पीठों के अधिष्ठाता, कुलसचिव डॉ. जे.पी भूकर, परीक्षा नियंत्रक डॉ. विपुल यादव, वित्त अधिकारी श्री मनोरंजन त्रिपाठी, विभागों के विभागाध्यक्ष, शिक्षक, कर्मचारी, विद्यार्थी व शोधार्थी ऑनलाइन व ऑफलाइन माध्यम से जुडे़ रहे।

22 स्वर्ण पदक सहित 757 विद्यार्थियों को मिली उपाधियां 

हकेवि के सातवें दीक्षांत समारोह में कुल 757 विद्यार्थियों व शोधार्थियों को पीएच.डी., एम.फिल., स्नातक व स्नातकोत्तर की उपाधियाँ व स्वर्ण पदक प्रदान किए गए। इनमें स्नातक पाठ्यक्रमों के अंतर्गत बी.टेक. में 107 तथा बी.वॉक. में 55 विद्यार्थियों को तथा स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में 573 विद्यार्थियों को डिग्री प्रदान की गई। 14 शोधार्थियों को पीएच.डी. एवं 08 को एम.फिल. की उपाधि प्रदान की गई। 757 विद्यार्थियों व शोधार्थियों में 441 छात्र और 316 छात्राएं शामिल हैं। इनमें से 562 विद्यार्थी प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुए हैं।

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