कोरोना से जुड़ी इस बड़ी खबर को जरूर पढ़े

कोरोना मरीज ना करें यह गलती, बढ़ जाएगा कैंसर होने का जोखिम; एम्स के डायरेक्टर ने दी चेतावनी


 रणघोष खास. देशभर से


ऑल इंडिया आर्युविज्ञान संस्थान (एम्स) के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने सोमवार को कोरोना के हल्के लक्षण वाले मरीजों को सीटी स्कैन और बायोमार्कर्स के दुरुपयोग को लेकर चेतावनी दी। उन्होंने यहां तक कहा कि सीटी स्कैन के अधिक इस्तेमाल से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। एक सीटी स्कैन को 300-400 एक्सरे के बराबर बताते हुए उन्होंने कहा कि बिना डॉक्टर की सलाह के सीटी स्कैन ना कराएं। उन्होंने यह भी कहा कि जरूरत पड़ने पर सीटी स्कैन की जगह पहले चेस्ट एक्स रे कराएं।गुलेरिया ने कहा, ”हल्के लक्षण वाले मरीजों को सीटी स्कैन की कोई जरूरत नहीं है। बिना लक्षण वाले मरीज भी यदि सीटी स्कैन कराएं तो पैच दिख सकते हैं, लेकिन वे आसानी से ठीक हो सकते हैं। 1 सीटी स्कैन 300-400 चेस्ट एक्सरे के बराबर है। जल्दी-जल्दी सीटी स्कैन कराने से जीवन में आगे चलकर कैंसर का जोखिम बढ़ सकता है।”गुलेरिया ने कहा कि इंटरनेशनल ऑटोमिक एनर्जी कमिशन फॉर रेडिएशन प्रोटेक्शन एंड मेडिसिन के मुताबिक बार-बार सीटी स्कैन से जीवन में आगे चलकर कैंसर का जोखिम बढ़ जाता है, खासकर यदि यह कम उम्र में कराया जाए। एम्स के डायरेक्टर ने हल्के लक्षण वाले केसों में सीटी स्कैन जांच को लेकर चेतावनी दी।उन्होंने कहा, ”बहुत से लोग सीटी स्कैन करा रहे हैं और वे पॉजिटिव होने पर इसे जरूरी जांच मान रहे हैं।” उन्होंने एक स्टडी का हवाला देते हुए कहा कि बिना लक्षण वाले 30-40 फीसदी कोरोना मरीजों में भी पैच दिखते हैं। जोकि बिना किसी इलाज के हट जाते हैं। उन्होंने साफ किया कि हल्के संक्रमण वाले ऐसे लोग जो होम आइसोलेशन में रहे रहे हैं, कोई समस्या नहीं है या सेचुरेशन में कमी नहीं आ रही है तो सीटी स्कैन की कोई आवश्यकता नहीं है।  इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि बायोमार्कर्स जैसे सीपीआर, डी-डाइमर, एलडीएच आदि का हल्के लक्षण वाले केसों में कोई आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि बेवजह बायोमार्कर्स से शरीर पर गलत असर पड़ता है। केवल डॉक्टर की सलाह पर ही ये टेस्ट कराएं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *