किसानों की सुनवाई नहीं, बेरोजगारों की फौज खड़ी करदी सरकार ने : रणसिंह मान

 रणघोष अपडेट. चरखी दादरी


सरकार जहां किसानों की सुनवाई नहीं कर रही है वहीं युवाओं की प्रताड़ना पर जुटी है और बेरोजगारों की लंबी चौड़ी फौज खड़ी कर दी है। यह बात पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रणसिंह मान ने कितलाना टोल पर चल रहे किसानों के अनिश्चितकालीन धरने को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनावों से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने भाषण में सत्ता मिलने पर हर वर्ष दो करोड़ रोजगार देने की बात करते थे लेकिन गद्दी पर बैठते ही सब भूल गए। रही सही कसर जीएसटी और नोटबन्दी ने पूरी कर दी जिसने अर्थव्यवस्था को हिलाकर रख दिया और करोड़ों रोजगार खत्म कर दिए।  मान ने कहा कि यही हाल हरियाणा की गठबंधन सरकार का है। बेरोजगारी के मामले में हरियाणा देशभर में पहले पायेदान को छूने वाला है। भर्तियों का ये आलम है कि अधिकतर भर्ती प्रक्रिया पूरी होने से पहले रद्द कर दी गई या कोर्ट में लटक गई। भाजपा ने विधानसभा चुनावों में युवाओं से रोजगार देने और जब तक रोजगार ना मिले तब तक 12वीं पास को छह हजार और स्नातक को नौ हजार प्रति माह बेरोजगारी भत्ता देने का वायदा किया था। लेकिन दुर्भाग्य है कि हमारे युवाओं को ना रोजगार मिल रहा है ना ही बेरोजगारी भत्ता। सरकार द्वारा सक्षम योजना के नाम पर युवाओं को ठगा जा रहा है।

संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर धरने के 170वें दिन खाप सांगवान चालीस के सचिव नरसिंह डीपीई, श्योराण खाप पच्चीस के प्रधान बिजेंद्र बेरला, फौगाट खाप के प्रधान बलवंत नम्बरदार, किसान सभा के रणधीर कुंगड़, गंगाराम श्योराण, कमल सांगवान, मीरसिंह नीमड़ीवाली, राजसिंह जताई,  कृष्णा छपार, प्रेम शर्मा, रतन्नी डोहकी ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि किसान और युवाओं का शोषण भाजपा और उसके सहयोगियों को बहुत महंगा पड़ेगा। उन्होंने कहा कि 14 जून को धरनास्थल पर गुरु अर्जुन तेग बहादुर का बलिदान दिवस मनाया जाएगा। धरने पर मंच संचालन कामरेड ओमप्रकाश ने किया। इस अवसर पर सुरजभान सांगवान, अजित सिंह रिटायर्ड एईटीओ, जागेराम डीपीई, बलबीर बजाड़, राजकुमार हड़ौदी, सुखदेव पालवास, सुनील पहलवान, सन्तोष देशवाल, सुरेन्द्र कुब्जानगर, डॉक्टर चन्दन समसपुर, कप्तान रामफल डोहकी, रामफल देशवाल, सुन्दर प्रधान, कुलदीप शर्मा, शमशेर सांगवान, चन्द्र चमार, बबलू मानकावास, सत्यवान कालूवाला, धर्मबीर यादव, रघबीर स्वामी, बालकिशन शर्मा,रामानन्द धानक इत्यादि मौजूद थे।

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