सहोदाया गठन को लेकर विवाद, निवर्तमान प्रधान ने कहा यह फर्जी, सीबीएसई की मूल भावना के खिलाफ उठा रहे मुद्दे

रणघोष अपडेट. रेवाड़ी

i-b_1616267635 शुक्रवार को ऋषि पब्लिक स्कूल में सीबीएसई संबद्ध स्कूलों की तरफ से सहोदाया की गर्वर्निंग बॉडी को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। इस संस्था के निवर्तमान प्रधान एवं वर्तमान में हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी के उपाध्यक्ष वीपी यादव ने इस फर्जी करार दिया है। वीपी यादव ने कहा कि संस्था की नई बॉडी का गठन करने से पहले ना उन्हें विश्वास में लिया गया ओर ना ही महासचिव ईश धींगड़ा को लिया गया। उन्होंने कहा कि वे जिले में सहोदाया के संस्थापक सदस्य है। पिछले 8-9 सालों से प्रधान रहे हैं। सहोदाया में चुनाव की कोई संस्कृति नहीं है।  संस्था 6 मुद्दों पर काम करती है। पहला स्कूल आपस में सामंजस्व बनाकर शैक्षणिक प्रबंधन पर काम करे। दूसरा मूल्याकंन पर, तीसरा मानव संसाधन पर, चौथा शिक्षकगण के व्यवसायिक स्तर को बेहतर बनाना, मूल्य आधारित स्कूल का माहौल बनाने में संस्था अपनी भूमिका निभाए वह छठा विद्यार्थियों में छिपी प्रतिभा को निखारने के लिए व्यवसायिक पाठ्यक्रमों से जोड़ा जाए।  इसके लिए सीबीएसई ने व्यवसायिक शिक्षा पर विशेष फोकस किया है। हमारी गठित संस्था इन विषयों पर काम करती आ रही है लेकिन गलत तरीके से बनाई गई यह संस्था एसएलसी जैसे मुददों को उठा रही है जो संस्था की मूल भावना के खिलाफ है। हमारी संस्था आंदोलन प्रदर्शन से दूर रहती है। वह आपसी समस्याओं को निजी तौर पर बैठकर दूर करने का प्रयास करती है। कुछ मुद्दों पर बाहरी तौर पर स्कूल एसोसिएशन का बाहरी तौर पर समर्थन भी  है। उन्होंने कहा कि आठ-दस स्कूलों ने मिलकर यह संस्था बना ली जो गलत है। कायदे से उन्हें पूर्व प्रधान को विश्वास में लेना चाहिए था।

सहोदाया प्रधान अतुल बतरा ने कहा कि संस्था वहीं जो रजिस्टर्ड हो

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वीपी यादव के स्थान पर सहोदाया प्रधान बनने अतुल बतरा ने कहा कि ऋषि स्कूल में सहोदाया के नाम पर जिस संस्था का गठन किया गया है। उनका हमारे से कोई जुड़ाव नहीं है। हमारी संस्था सीबीएसई के नियमों पर आधारित बॉडी है। जिसका रजि. होना जरूरी है। हमें नहीं पता कैसे ओर क्या सोचकर इस संस्था का गठन कर लिया। कायदे से इसके लिए एक प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है।

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