ज्ञानवापी: शिवलिंग मिलने का दावा, जगह सील, सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई

रणघोष अपडेट. देशभर से


ज्ञानवापी मस्जिद में सोमवार को सर्वे का काम पूरा हो गया है। सर्वे के बाद हिंदू पक्ष ने दावा किया है कि ज्ञानवापी मस्जिद में नंदी के सामने शिवलिंग मिला है जबकि मुस्लिम पक्ष ने कहा है कि शिवलिंग मिलने की बात गलत है। इस मामले में अदालत की ओर से नियुक्त किए गए कमिश्नर अब अपनी रिपोर्ट कोर्ट के सामने रखेंगे। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई मंगलवार को होगी। हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने कहा है कि एक स्थानीय अदालत ने शिवलिंग को संरक्षित करने और उस जगह को सील करने के निर्देश पुलिस और प्रशासन को दिए हैं। वहां पर वजू करने से भी रोक लगा दी गई है।  शिवलिंग मिलने के दावे के बाद वहां मौजूद लोगों ने नारेबाजी की। वाराणसी के डीएम ने कहा है कि सोमवार को सर्वे की कार्रवाई सवा 2 घंटे तक चली और कार्रवाई पूरी हो गई है। उन्होंने कहा कि सभी पक्षकार संतुष्ट होकर वापस गए हैं और अदालत के आदेशों का सभी पक्षकारों ने पूरी तरह पालन किया है। 

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई कल

सुप्रीम कोर्ट ज्ञानवापी मस्जिद की अंजुमन इंतजामिया कमेटी की याचिका पर मंगलवार को इस मामले में सुनवाई करेगा। कमेटी की ओर से वाराणसी की अदालत द्वारा मस्जिद में सर्वे किए जाने के आदेश को चुनौती दी गई है।

सर्वे पूरा होने के बाद भी ज्ञानवापी मस्जिद और इससे सटे काशी विश्वनाथ मंदिर के आसपास सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी रखी गई है। प्रशासन ने पूरे इलाके को सील कर दिया है। बता दें कि वाराणसी की निचली अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर सर्वे होगा और 17 मई से पहले सर्वे टीम को अदालत को इसकी रिपोर्ट देनी होगी। अदालत ने कहा था कि उसके द्वारा नियुक्त किए गए कोर्ट कमिश्नर को नहीं हटाया जाएगा। अदालत ने कहा था कि सर्वे में बाधा डालने वालों पर दंडात्मक कार्रवाई की जाए।

कल्पना से ज्यादा प्रमाण 

इस मामले में याचिकाकर्ता सोहनलाल आर्य ने कहा था कि उनकी ओर से जो दावा किया गया है वह सौ फीसद सही है और कल्पना से ज्यादा प्रमाण मिले हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले में हिंदू पक्ष की जीत होगी।

‘कोई मूर्ति नहीं मिली’

मुसलिम पक्ष के वकील तौहीद ने कहा था कि तहखाने में कोई मूर्ति नहीं मिली है और इस बारे में किए गए दावे गलत हैं। उन्होंने रिपब्लिक भारत से बातचीत में कहा कि वीडियोग्राफी में जो कुछ भी होगा उसे अदालत के सामने रखा जाएगा।

क्या है मामला?

बीते साल अप्रैल महीने में राखी सिंह और 4 अन्य लोगों ने बनारस की एक अदालत में याचिका दायर कर कहा था कि उन्हें श्रृंगार गौरी, भगवान गणेश, भगवान हनुमान और अन्य देवी-देवताओं की पूजा की इजाजत दी जानी चाहिए। उन्होंने अपनी याचिका में कहा था कि मसजिद की पश्चिमी दीवार पर श्रृंगार गौरी की एक छवि थी। याचिका पर सुनवाई करते हुए निचली अदालत ने सर्वे का आदेश दिया था। 

और मस्जिद नहीं खोना चाहते: ओवैसी

इस मामले में वाराणसी की अदालत के फैसले पर एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने नाराजगी जताई है। ओवैसी ने कहा है कि जिस तरह बाबरी मस्जिद को छीना गया उसी तरह से इतिहास को दोहराया जा रहा है।ओवैसी ने कहा कि 1991 में भी जब कुछ लोग ज्ञानवापी मस्जिद के मामले में हाई कोर्ट गए थे तो अदालत ने स्टे लगा दिया था।

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