महापंचायत: दक्षिण हरियाणा में रेवाड़ी- मानेसर में किसानों में फैल रहा रोष

अहीरवाल क्षेत्र के नेता, सांसद, विधायक कमजोर, किसानों के सामने बोलने लायक नहीं


-सभी ने निर्णय लिया 22 को दुबार मीटिंग  होगी उसके बाद 9 अक्टूबर को फिर महापंचायत


रणघोष अपडेट. पटौदी. रेवाड़ी


किसानों की 1810 एकड़ जमीन अधिग्रहण को रद्द करवाने के लिए संडे को पचगांव में एक महापंचायत की गई। इसमें रेवाड़ी से भी किसानों ने भाग लिया। रेवाड़ी में किसान एमआरटीएस प्रोजेक्ट के तहत एचएसआईआईडीसी द्वारा अधिग्रहित की गई जमीन पर बने स्ट्रक्चर के मुआवजा को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। यहां एचएसआईआईडीसी ने जमीन का मुआवजा देकर रिकार्ड में उसे अपने नाम करा दिया लेकिन स्ट्रक्चर के मुआवजा को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं कर रही है जबकि उसका अवार्ड तक हो चुका है। डीआरओ 15 से ज्यादा बार मुआवजा को लेकर पत्र भेज चुका है। पचगांव महापंचायत में नवीन जयहिन्द फरसा लेकर पहुंचे तो किसान नेता गुरनाम सिंह चढुनी समेत  पूरे प्रदेश से सभी सरदारी मौजूद रही। किसानों ने सरकार व प्रशासन को 2 बजे तक का समय दिया, जिसके बाद सरकार व प्रशासन की तरफ से महापंचायत में गुरूग्राम के एडीसी विश्राम कुमार मीणा पहुंचे। एडीसी ने किसानों को कोई सन्तोषजनक जवाब नही दिया। महापंचायत ने फैसला लेते हुए बताया कि 9 अक्टूबर को दोबारा महापंचायत करेंगे। जयहिन्द ने एडीसी व एसीपी के सामने ही सीएम को खरी-खरी कहना शुरू कर दिया। नवीन जयहिन्द ने सीएम मनोहर लाल खट्टर को चेतावनी देते हुए कहा कि ये जमीन किसानों की हैं और 36 बिरादरी की जमीन हैं। अगर किसानों का मन करेगा तो सरकार को जमीन देगे ओर किसानों का मन नही करेगा तो किसान सरकार को जमीन नही देगे। सरकार को किसानों के साथ दबाव की राजनिति नही करनी चाहिए। जयहिन्द ने कहा कि देश 1947 मे आजाद हो चुका हैं और अंग्रेज देश को छोड़कर जा चुके हैं, लेकिन खट्टर सरकार किसानों के भूमि अधिग्रहण के लिए 1894 के कानून को ढाल बनांकर किसानों से जमीन हड़पना चाहती हैं, जो कि न्याय संगत नही हैं। जयहिन्द ने कहा कि अंग्रेजो के काले कानून किसानों पर थोपना गलत हैं और 36 बिरादरी किसानो के साथ हैं। इस अवसर पर किसान संगठन के नेताओं ने एक सुर में कहा कि दक्षिण हरियाणा मे कमजोर नेतृत्व की वजह से किसानों के साथ सरासर अन्याय हो रहा है। उनकी आवाज उठाने वाले किसी नेता में दम नहीं की वह चंडीगढ़ में उनकी न्याय एवं तर्कसंगत पैरवी कर सके। महापंचायत में किसान नेता हरनाम गुरनाम सिंह चढून्नी, सुमन हुड्डा अपनी टीम के साथ आई, भारतीय किसान यूनियन के रवि आजाद अबरार अपनी टीम के साथ आए, आप पार्टी के सुशील गुप्ता सांसद दिल्ली, पवन चौधरी, मुकेश चौधरी, मुकेश डागर, कोच माइकल सैनी, जितेन्द्र यादव 12 वाल सिरहोल, वजीरपुर से विजय नंबरदार, धर्म सिंह चौहान, राजेश चौहान अपने काफिले के साथ आए, हयातपुर से डॉ इंद्रजीत यादव राकेश यादव, चरण सिंह यादव अपने पूरे दल बल के साथ पहुंचे, गजराज यादव पूर्व सरपंच मानेसर, रवि यादव सिकंदरपुर, रामवीर चौधरी पूर्व विधायक पटौदी, पवन नेहरा किसान नेता, बडक़ागांव से मान सिंह यादव, किसान नेता डाकू दा विजयपाल सेंटी जबलपुर, राजबाला जय किसान आंदोलन भिवाड़ी, श्रीपाल चौहान गांव जाटोली, राजबाला शर्मा आप पार्टी, सिकंदर सरपंच पंच गांव प्रेम यादव, नाहरपुर बंटी नंबरदार, कासन विजय यादव, शिकोहपुर सरपंच राजपाल यादव, वजीराबाद मनोज यादव, फरीदाबाद से विजय नंबरदार, वजीरपुर धर्म सिंह चौहान, राजेश चौहान, सुनील गुलिया गुलिया खाप 84, सुबे बोहरा वजीराबाद, प्रदीप जैलदार झाड़सा, हिम्मत यादव झाड़सा, रवि आजाद भारतीय किसान यूनियन मुबारिक, ओम प्रकाश यादव मानेसर, अजय पंचकूला, हिम्मत यादव अटेली, स्योचंद सरपंच शिकोहपुर, पहलाद सरपंच बास्कुशला, कालू शर्मा पूर्व गौशाला प्रधान कासन, अनिल पवार, तेजू ठेकेदार, जमीन बचाओ किसान बचाओ संघर्ष कमेटी के प्रधान रोहताश यादव, उप प्रधान सत्यदेव शर्मा, महासचिव मोतीलाल हवलदार, रोशन थानेदार, प्रेमपाल फौजी,  प्रदीप एडवोकेट, किरशन यादव मोकलवास, राजेश यादव, गोविंद यादव, राम अवतार यादव नैनवाल, मीर यादव नैनवाल, रतन यादव, बलवीर मास्टर मानेसर, सुंदरलाल सरपंच सिकंदरपुर, लखन सरपंच, सुधीर चौधरी, सुनीता वर्मा कांग्रेस, हेमलता यादव, प्रेमा राजपूत, सुमन प्रजापत, निशा, सुदेश शर्मा, रीना यादव, स्वाति, मीणा, वीना देवी, मुकेश देवी, सुषमा, रेनू जांगड़ा, रेनू शर्मा, निशा यादव, गीता, शमशेर आदि भारी संख्या में क्षेत्र की सरदारी पूरे प्रदेश से किसान महापंचायत में शामिल हुए।

कर्ज सरकार पर तो जमीन किसान की क्यो बिके


पंचायत को संबोधित करते हुए किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि हरियाणा के खट्टर सरकार किसान हितैषी नहीं है। इस सरकार में पूरे प्रदेश का किसान परेशान है। उन्होंने कहा कि इस सरकार से मांगने की जरूरत नहीं छीनने की जरूरत है। क्योंकि यह सरकार इस जमीन का अधिग्रहण प्रदेश का कर्ज उतारने के लिए कर रही है। यह किसानों के साथ कहां का न्याय है कि प्रदेश का कर्ज उतारने के लिए किसानों की जमीन बेची जाए। वह भी कौडिय़ों के भाव। गुरनाम सिंह ने अपने भाषण में एक बकरी की कहानी सुनाई और मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को बकरी की संज्ञा दी और कहा कि इस सरकार से अपनी जमीन लेनी है तो सभी को एकजुट होना होगा और लडऩा होगा, क्योंकि बिना लड़े हमें हमारी जमीन मिलने वाली नहीं है।

जमीनों पर सरकार की है पैनी नजर


आम आदमी पार्टी के सांसद सुशील गुप्ता ने किसानों को अपना समर्थन देते हुए कहा कि यह सरकार शुरू से ही किसान विरोधी रही है। इससे पहले किसानों को जो जीत मिली थी , वह किसानों की एकजुटता के बदौलत मिली थी। दोबारा भी किसानों को जीत तभी मिलेगी जब सभी किसान एकजुट होकर अधिग्रहण के विरोध में लड़ाई लड़ेंगे। सुशील गुप्ता ने कहा कि इस सरकार ने पहले तो रेलवे और एयरपोर्ट की जमीन अंबानी और अडानी के नाम कर दी है। अब किसानों की जमीन भी सरकार नहीं छोडऩा चाहती है। जहां जहां किसानों के पास कीमती जमीन है , वहां वहां जमीनों पर सरकार की पैनी नजर है, ऐसी स्थिति में सभी किसान भाइयों को एकजुट होकर ही लड़ाई को आगे बढ़ाना होगा।

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