बुरी खबरः आईएमएफ ने भारत में मंदी की आशंका जताई

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ ) ने भारतीय अर्थव्यवस्था के धीमी रफ्तार से बढ़ने की आशंका जताई है। आईएमएफ ने आज 31 जनवरी को वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक का जनवरी अपडेट जारी किया। इसमें उसने अगले वित्तीय वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में मंदी की बात कही है। हालांकि पहले उसने 6.1 प्रतिशत से बढ़कर 6.8 फीसदी की वृद्धि का अनुमान लगाया था। 2024 में उसकी रिपोर्ट कुछ बढ़ोतरी की बात कह रही है लेकिन वो 2022-23 के मुकाबले बहुत ज्यादा नहीं है।ताजा वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक के अनुसार, ग्लोबल विकास 2022 में अनुमानित 3.4 प्रतिशत से गिरकर 2023 में 2.9 फीसदी होने का अनुमान है, लेकिन फिर 2024 में बढ़कर 3.1 फीसदी होने की उम्मीद है। आईएमएफ ने कहा कि2024 में ग्लोबल इकोनॉमी में थोड़ी तेजी रहेगी। लेकिन 3.1% की यह वृद्धि अक्टूबर के पूर्वानुमान के नीचे प्रतिशत का दसवां हिस्सा है। इसकी वजह यह है कि केंद्रीय बैंक की ब्याज दर में बढ़ोतरी का पूरा प्रभाव इस पर पड़ता है।रॉयटर्स के मुताबिक आईएमएफ के मुख्य अर्थशास्त्री पियरे-ओलिवियर गौरिनचास ने कहा कि मंदी का जोखिम कम हो गया है और केंद्रीय बैंक मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने में प्रगति कर रहे हैं, लेकिन कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए और अधिक काम करने की जरूरत है और नई मुश्किलें यूक्रेन में युद्ध के और बढ़ने और चीन में कोविड -19 की स्थिति से आ सकती हैं।  हमें अप्रत्याशित की उम्मीद करने के लिए तैयार रहना होगा। विकास नीचे जा सकता है लेकिन मुद्रास्फीति में गिरावट आ सकती है। आईएमएफ के अनुसंधान विभाग के निदेशक ने कहा कि  चालू वित्तीय वर्ष के लिए हमारा 6.8 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है। लेकिन अप्रैल 2023 से शुरू होने वाले वित्त वर्ष में 6.1 प्रतिशत की कुछ मंदी की उम्मीद कर रहे हैं। आईएमएफ के विश्व आर्थिक आउटलुक अपडेट में कहा गया है, 2024 में 6.8 फीसदी तक पहुंचने से पहले भारत में विकास दर 2022 में 6.8 फीसदी से घटकर 2023 में 6.1 फीसदी हो जाएगी।रिपोर्ट के अनुसार, एशिया में 2023 और 2024 में विकास दर 5.3 प्रतिशत से 5.2 प्रतिशत तक बढ़ने की उम्मीद है। 2022 में चीन की अर्थव्यवस्था मंदी की शिकार रही, इसलिए यह स्थिति आई है।2023 जीडीपी पूर्वानुमानों में आईएमएफ ने कहा कि उसे यूएस जीडीपी में 1.4% बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। इसकी वजह है कि 2022 की तीसरी तिमाही में अपेक्षा से अधिक खपत और निवेश हुआ।

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