यूट्यूब से लिए मॉडर्न खेती के टिप्स, अब लखपति

14 साल जॉब की, एक आइडिया ने बदली जिंदगी; बड़े शहरों में प्रोडक्ट की डिमांड


रणघोष अपडेट. देशभर से
अगर आप खेती करना चाहते हैं और आपके पास लागत कम है, तो आप मिर्च, टमाटर और खरबूजा उगाकर शुरुआत कर सकते हैं। अगर पैसा है, तो पॉली हाउस लगाइए।
ये कहना है झालावाड़ जिले के असनावर उपखंड के छोटे से गांव मोड़ी में रहने वाले किसान कालू सिंह राठौड़ (45) का। कालू सिंह 6 साल से खीरा-ककड़ी, तरबूज और खरबूजे की खेती कर काफी नाम कमा चुके हैं। उनके पॉली हाऊस के खीरे और ककड़ी की जयपुर में भारी डिमांड है। जैविक तरीके और आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर कालू सिंह 25 लाख सालाना कमाई कर रहे हैं।
म्हारे देस की खेती में इस बार बात किसान कालू सिंह राठौड़ की।
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार कालू सिंह ने बताया कि वर्ष 1998 से 2000 के बैच में ITI (इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट) झालावाड़ से फिटर की ट्रेनिंग ली। परिवार चाहता था कि मैं शहर जाकर अच्छी नौकरी करूं। मेरा भी यही सपना था। इसलिए 2001 में जयपुर में इलेक्ट्रॉनिक मीटर बनाने वाली कंपनी में डाई मेकर की नौकरी करने लगा। कालू सिंह ने बताया- 7 साल नौकरी करने के बाद साल 2007 में जयपुर में ही दूसरी कंपनी जॉइन कर ली। यह एक टेलीकॉम कंपनी थी। वहां भी 7-8 साल काम किया। एक दिन कंपनी के अधिकारी के साथ बहस हो गई और मन खराब हो गया। 2014 में नौकरी छोड़कर मैं अपने गांव मोड़ी आ गया।गांव आकर मैंने बिजनेस में हाथ डाला, लेकिन मुनाफे की जगह घाटा हुआ। करीब 3 साल गांव में काम-धंधे के लिए मैंने स्ट्रगल किया। आखिरकार 2017 में मैंने अपना पुश्तैनी काम यानी खेती करने की ठानी। पढ़ा लिखा था। 14 साल नौकरी और 3 साल बिजनेस में घाटे का अनुभव कर चुका था।
इसलिए खेती को प्रोग्रेसिव ढंग से करना चाहता था। 6 साल पहले अपने खेत में ही पॉली हाउस और लो-टनल की तकनीक से खीरा, ककड़ी, तरबूज और खरबूजे की खेती शुरू की। पॉली हाउस में खीरा-ककड़ी की खेती सालभर संभव है। अब कालू सिंह 8 बीघा खेत में मुस्कान खरबूजा की उपज ले रहे हैं। इसके अलावा खरबूजे की खुशबू और कुंदन वैरायटी भी हो रही है। इसके अलावा एक बीघा में बाहुबली तरबूज (गहरे हरे रंग का छिलका) की खेती कर रहे हैं। तरबूज और खरबूजे की बुवाई उन्होंने नवंबर में की थी। पिछले साल उन्होंने 28 लाख के खीरे बेचे थे। इसमें उन्हें करीब 14 लाख की कमाई हुई। इसके अलावा 4 लाख के खरबूजे बेचे थे। जिसमें 2 लाख कमाई हुई। खीरा-ककड़ी की खेती में इस सीजन में 10 से 12 लाख रुपए का प्रॉफिट हुआ है। पूरे साल सभी पैदावार से कमाई की बात करें तो करीब 25 लाख की शुद्ध बचत हुई है।
यूट्यूब से सीखा, अप्लाई किया
उन्होंने बताया कि शुरुआत में वे यूट्यूब पर खेती के नवाचारों की जानकारी लेते रहे और उसे अपने खेतों में अप्लाई करते रहे। झालावाड़ कृषि विभाग के अधिकारियों से भी जुड़ा रहा। उन्होंने समय समय पर कारगर सलाह दी। इसके अलावा यूट्यूब के जरिए खेती के नए-नए उपकरणों और माध्यमों की जानकारी लेता रहा।
उन्होंने यूट्यूब पर ही सर्च किया था कि पॉली हाउस और लो-टनल तरीके से खेती कैसे की जाती है। किस तरह की खेती करने से अच्छी पैदावार और अच्छी कमाई हो सकती है। लगातार इस तरह की चीजें सर्च करने का फायदा मिला।
कालू सिंह ने बताया कि वे हाईटेक खेती कर रहे हैं। उन्होंने खेती करने के लिए खेत में तीन पॉली हाउस हाउस अलग-अलग समय पर बनाए। उन्होंने कहा कि फिलहाल 6000 वर्ग मीटर में नेट हाउस और पॉली हाउस लगा हुआ है। इसमें 2000 वर्ग मीटर का नेट हाउस और 4000 वर्ग मीटर नेट हाउस है। तीसरा 2000 वर्ग मीटर का का पॉली हाउस तैयार हो रहा है। कालू सिंह ने खेती को बिजनेस के रूप में करने की सलाह दी। कहा कि अगर युवा खेती में अपना करियर बनाना चाहते हैं तो उन्हें आगे आना चाहिए। इससे अच्छा कोई बिजनेस नहीं है। अगर आपके पास कम राशि है तो आप खेत में टमाटर, मिर्च और खरबूजा का उत्पादन लेकर खेती की शुरुआत कर सकते हैं।

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