प्रख्यात साहित्यसेवी श्यामसुंदर सिंहल भी एक प्रेरक व्यक्तित्व के धनी, निष्काम कर्मयोगी थे। 10 जनवरी 1948 को दिल्ली में जन्मे बालक श्यामसुंदर के माता नथिया देवी के धार्मिक तथा पिता सूरजमल सिंहल के समाजसेवा के संस्कार विरासत व घुट्टी में मिले। अपने चाचा जाने-माने स्वतंत्रता सेनानी टीकाराम सिंहल के संरक्षण में वे बचपन से ही राष्ट्रीयता के पक्षधर एवं संवाहक बन गये। रेवाड़ी में अपने चाचा के सान्निध्य में अखबार वितरण के कार्य की बारीकियों एवं नियमितता के दायित्वों को आत्मसात किया जिसे अंतिम सांस तक पूरी जिम्मेवारी एवं संजिदगी से निभाया। बेखबर को बाखबर करने के उक्त अभियान तहत उन्होंने विकट , विषम व प्रतिकूल परिस्थितियों में भी सिंहल न्यूज एजेंसी के उक्त दायित्व को सदैव सर्वोच्च प्राथमिकता दी। वीर सावरकर मंच के प्रणेता एवं प्रखर राष्ट्रवादी चिंतक आचार्य श्रीनिवास शास्त्री की प्रेरणा व मार्गदर्शन से जहां वे करीब आधा दर्जन सामाजिक एवं धार्मिक संगठनों में सक्रिय बहुमुखी योगदान देने लगे वहीं हिंदी पत्रकारिता के मसीहा व हिंदी गद्य के जनक के रूप में लब्धप्रतिष्ठत साहित्यकार स्व. बाबू बालमुकुंद गुप्त के भूले बिसरे व्यक्तित्व एवं कृतित्व को प्रेरणा पुंज एवं चिरस्थायी बनाने में जुटी साहित्य संस्था बाबू बालमुकुंद गुप्त पत्रकारिता एवं साहित्य संरक्षण परिषद् ने उन्हें अध्यक्ष मनोनीत कर एक दशक तक इस अभियान में प्रदेशभर में ससम्मान आगे बढ़ाया। श्यामसुंदर सिंहल स्मृति मंच द्वारा उनकी पुण्यतिथि पर हर वर्ष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जिनमें विभिन्न क्षेत्र की प्रतिभाओं को सम्मानित करना, विभिन्न बाल प्रतियोगिताएं जिनमें जिलास्तरीय टेबल टेनिस प्रतियोगिता, कविता-पाठ प्रतियोगिता एवं भजन संध्या आदि कार्यक्रम आयोजित कराएं जाते हैं। उल्लेखनीय है कि श्री सिंहल ने विभिन्न संगठनों के अलावा उन्होंने व्यक्तिगत तौर पर भी अपने प्रतिष्ठानों के माध्यम गौसेवा तथा श्रीमद्भगवद्गीता वितरण की अनूठी अलख जगाये रखी। इस वर्ष कोरोना महामारी की वजह से सामाजिक कार्यक्रम न करा कर संस्था द्वारा जरूरतमंदों को भोजन, गौशाला में दान व जरूरतमंद बच्चों को स्टेशनरी आदि वितरित की गयी जिनमें संदीप गोयल, हेमंत सिंहल, ऋषि सिंहल, विक्की गोयल, सत्यप्रकाश, राजीव गुप्ता, मयंक अग्रवाल, युवराज आदि ने सहयेग किया। पूर्व में हुई भजन-संध्या के ‘श्रीराधा-कृष्ण’ के भजनों का संग्रह यूट्यूब के माध्यम से प्रसारित किया गया। मंच के सदस्य नरेश चौहान, सत्यवीर नाहडिय़ा, विपिन सुनेजा, श्रीनिवास शास्त्री आदि ने श्री सिंहल को श्रद्धांजलि देकर याद किया।