बार एसोसिएशन रेवाड़ी के वकीलों ने किसान वकील एकता का परिचय देते हुए, संयुक्त किसान मोर्चा के आवाहन पर सचिवालय पर जोरदार प्रदर्शन किया और तीन काले कानूनों की प्रतिलिपि को आग के हवाले किया। वकीलों का मानना है कि सर्वोच्च न्यायालय में जो अंतरिम आदेश दे दिया है वह कभी भी खत्म हो सकता है। सरकार ने अपने ऊपर जारी जन दबाव को कम करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का सहारा लिया है और जिस दिन आंदोलन कमजोर होगा उसी दिन स्टे को भी हटाए जाने की पूरी आशंका है। सुप्रीम कोर्ट ने इन काले कानूनों को रद्द करना चाहिए था। वकीलों का यह भी मानना है की सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित की गई कमेटी में वे लोग हैं जो पहले से ही इन कृषि कानूनों के समर्थन में खड़े हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था की कमेटी में पी साईनाथ जैसे कृषि विशेषज्ञों आदि को लिया जाएगा और कमेटी के जो सदस्य होंगे वे पूर्ण रूप से न्यूट्रल होंगे परंतु कृषि कानूनों के पक्ष में खड़े और अपनी सक्रिय भूमिका अदा करने वाले कथित विशेषज्ञों को लेकर यह स्पष्ट हो गया कि सुप्रीम कोर्ट अपनी कहीं भी बात पर भी खरा नहीं उतरा। वकीलों ने किसानों से आग्रह किया है की आंदोलन को जारी रखें और वकील समुदाय संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा लिए गए फैसलों के साथ खड़ा मिलेगा। बार एसोसिएशन रेवाड़ी के वकील 18 जनवरी को भारी संख्या में एक बार फिर शाहजहांपुर बॉर्डर जाकर किसान वकील एकता का परिचय देंगे और सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए वर्डिक्ट पर किसानों के बीच कानूनी पहलुओं को रखेंगे। प्रदर्शन में एडवोकेट्स चौधरी राजेंद्र सिंह, कामरेड राजेंद्र सिंह, मनिंदर सिंह, गजराज सिंह यादव, मोतीलाल नैनावत, चौधरी कुलदीप सिंह, पवन जैतडावास, रणवीर सिंह, सतपाल , विजयपाल, सुनील यादव, अजय सिंह, महिपाल यादव, सुधीर मीरपुर, सुशील शर्मा, पवन कुमार, पारस, समेत सैकड़ों वकीलों ने हिस्सा लिया और किसानों के समर्थन में जोरदार नारे लगाए।