राष्ट्रवाद का मतलब ‘जय हिंद’ कहना या ‘जन गण मन’ गाना ही नहीं: वेंकैया नायडू

उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि राष्ट्रवाद का मतलब केवल ‘जय हिंद’ कहना या ‘जन गण मन’ या ‘वंदे मातरम’ गाना नहीं है। ‘जय हिंद’ का मतलब हर भारतीय की जय हो, जो तब संभव है जब उनकी जरूरतों का ध्यान रखा जाता है, उन्हें ठीक से खाना मिलता हो, कपड़े पहनें और भेदभाव का सामना न करें। बता दें कि यह टिप्पणी उपराष्ट्रपति ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती पर हैदराबाद में तेलंगाना सरकार के एमसीआर मानव संसाधन विकास संस्थान में बुनियादी (फाउंडेशन) पाठ्यक्रम में शामिल प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित करते हुए की। उपराष्ट्रपति ने आगे राष्ट्र का मतलब बताते हुए कहा कि ‘राष्ट्र का मतलब भौगोलिक सीमा नहीं है, राष्ट्र में सब कुछ है, उनका कल्याण, राष्ट्रवाद है। हमारी एक शानदार सभ्यता है जो एक दूसरे की देखभाल करने और समस्याओं को साझा करने का प्रतीक है। हमारे पूर्वजों ने हमें ‘विश्व एक परिवार है’ के मतलब को समझाया है।’ आगे नायडू ने कहा कि ‘स्वतंत्रता से, नेताजी का मतलब केवल राजनीतिक बंधन से मुक्ति नहीं था, बल्कि धन का समान वितरण, जातिगत बाधाओं का उन्मूलन और सामाजिक असमानताएं और सांप्रदायिकता और धार्मिक असहिष्णुता का विनाश था। आप अपने धर्म से प्रेम करते हैं और उसका पालन करते हैं, लेकिन दूसरों से घृणा नहीं कर सकते हैं।’

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