कैश कांड में जस्टिस यशवंत वर्मा को फिलहाल राहत, FIR दर्ज कराने से इनकार

सुप्रीम कोर्ट ने नगदी मामले में दिल्ली हाईकोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। शीर्ष अदालत ने कहा है कि मामले की इन हाउस कमेटी द्वारा जांच की जा रही है और रिपोर्ट आने के बाद देश के प्रधान न्यायाधीश (CJI) के पास कार्रवाई करने के कई सारे विकल्प हैं। ऐसे में इस याचिका पर विचार करना उचित नहीं होगा।

न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने अधिवक्ता मैथ्यूज जे नेदुम्परा और हेमाली सुरेश कुर्ने द्वारा दायर याचिका को ‘‘समय से पहले’’ दायर की गई याचिका बताया। पीठ ने कहा, “आंतरिक जांच जारी है। यदि रिपोर्ट में कुछ गलत पाया जाता है तो एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया जा सकता है या मामले को संसद को भेजा जा सकता है। आज इस पर विचार करने का समय नहीं है।”