डंके की चोट पर: महाकुंभ में मीडिया महापाप कर रहा है, इस लेख से समझिए

रणघोष खास. प्रदीप हरीश नारायण

क्या कोई बता सकता है बिना मंथरा के रामायण का जन्म हो सकता था। क्या यह सत्य नही है की राजा दशरथ का गौरव  राम की वजह से बना हुआ है जबकि उन्होंने अपनी सबसे सुंदर पत्नी कैकेयी के प्रभाव में आकर राम को चौदह साल के वनवास पर भेज दिया था।  सबकुछ जानते हुए की कैकेयी की यह शर्त किसी भी तरह से मर्यादित नही थी। राजा दशरथ चाहते तो इसे स्वीकार करने से मना कर सकते थे। सोचिए राम को यह वनवास नही होता तो क्या रावण का अंत होता। क्या वे मर्यादा पुरुषोतम श्री राम कहलाते।  क्या कोई बता सकता है अंहकार में डूबे रावण अपने भाई विभीषण को लंका से नही निकालते तो राम विभिषण का सहयोग लिए बिना  रावण का वध कैसे कर सकते थे। क्या कोई बता सकता है जब महाभारत में द्रोपदी का भरे दरबार में चीरहरण होने जा रहा था। वह अपनी आबरू बचाने के लिए  गुहार लगा रही थी ओर उसके पांचों पांडव पति, घर के बडे बुजुर्ग, गुरु नजरें झुकाए बैठे रहे। उस समय ये रिश्ते कहां चले गए। भगवान श्रीकृष्ण ने अवतरित होकर द्रोपदी की रक्षा  की। राजा हरीशचंद्र की कहानी भी सभी ने सुनी होगी। सत्य की परीक्षा के मार्ग पर चलते हुए इस सत्यवादी को अपना सबकुछ परित्याग करना पडा। इसी तरह अपनी पत्नी की सुंदरता में डूबे गोस्वामी तुलसीदास रातों रात उसे वापस लाने के लिए अपने ससुराल पहुंचे तो पीछेपीछे अपने पति को आता देख  पत्नी ने तुलसीदास को बहुत धिक्कारा और भला बुरा कहा। उन्होंने कहा कि हाड मांस से इस शरीर में तुम्हारी जितनी आसक्ति है, उससे आधी भी यदि भगवान में होती तो तुम्हारा बेडा पार हो गया होता। पत्नी के शब्द बाण की तरह तुलसीदास को चुभ गए। बस वे बिना एक क्षण भी रुके लौट पडे और वहां से चलकर प्रयागराज पहुंच गए। प्रयागराज में उन्होंने गृहस्थ वेश त्याग कर साधु वेश ग्रहण कर लिया ओर श्रीराम चरित मानस लिख डाली जो आज दुनिया का सबसे महान ग्रंथ है। ना जाने ऐसे कितने अनगिनत प्रमाणों

से हमारे वेद शास्त्र, धार्मिक ग्रंथ व इतिहास भरे हुए है। स्वामी दयानंद से लेकर

स्वामी विवेकानंद प्रत्यक्ष उदाहरण सामने हैं जिन्होंने सांसारिक जीवन का त्याग कर

सनातन के रास्ते आध्यात्मिकता के मार्ग पर चलकर स्वस्थ्य, मजबूत समाज, राष्ट्र के

निर्माण में अपना संपूर्ण योगदान दिया। हमें यह सबकुछ इसलिए बताना पड रहा है

की प्रयागराज  में चल रहे महाकुंभ में मीडिया की कवरेज में छिपा बाजारू, मिलावटी

अल्प ज्ञान। तरह तरह के छोटे लालच से बनी कचरे वाली मानसिकता से बनाई जा रही

विडियो, फैलाई जा रही ऐसी सूचनाए। जो अपने पेशे की गरिमा को सरेआम  खंडित

करते हुए लगातार पाप कर रही है। जिसका सबसे बड़ा सबूत 34 साल का अभय सिंह ग्रेवाल है।हरियाणा के झज्जर जिले से निकलकर आईआईटी बॉम्बे से पास आउट होकर मनुष्य जीवन के रहस्य को समझने के लिए वैरागी बना अभय के लिए अपने निजी फैसलों पर  मीडिया अपनी औकात से भी नीचे गिर चुका है। कुछ को छोड दिया जाए तोअधिकांश पत्रकार ऐसे बेहुदा सवाल कर रहे हैं जिसकी वजह से नागा साधु उन्हें दौड़ा,दौड़ा कर पीट रहे हैं। अभय ने अपनी पारिवारिक जीवन में आए कई तरह के उतार चढाव को

लेकर सत्य क्या बोला की  यूटयूबर, मीडियाकर्मी टीआरपी के महाकुंभ में डुबकी

लगाने के लिए किसी भी हद तक गिरते चले गए। देखा जाए तो खुद को पत्रकार कहने वालों

के लिए सोशल मीडिया पर ज्यादा से ज्यादा वीवर, सबक्राइवर पाने के लिए किसी भी हद

तक गिर जाना ही उनके लिए  महाकुंभ का  समागम है। मीडिया उसके पास

केवल इसलिए पहुंचा है कि उसने आईआईटी बोम्बे से एयरोस्पेस में बीटैक किया था। वह भी संयोग से न्यूज ऐटीन के पत्रकार की नजर रात के समय अखाडा के बाहर अकेले बैठे अभय पर पड़ गई। बातचीत में यह सब खुलासा हो गया जबकि अभय एक साल पहले ही अपना सबकुछ त्याग कर  आध्यात्मिक के रास्ते पर चल पड़ा था। उसके

पास धन दौलत शोहरत की कोई कमी नही थी। सांसारिक जीवन में रहकर जब उसने खुद को जीवन

की उलझनो में घिरा पाया तो वह उसे समझने ओर सुलझाने के लिए सनातन के रास्ते पर चल

पड़ा। अपनी कुछ विडियो में अभय यह कहते हुए नजर आते  हैं की प्रेम का जन्म

करूणा से होता है। मोह का जन्म अंहकार से होता है। प्रेम बोलता है ईश्वर मेरे

पुत्र को सभी सुख देंगे ओर मोह कहता है की मै अपने पुत्र को सभी सुख दूंगा। अभय का

कहना है की जो भी इंसान ईमानदारी से सवाल करता है मतलब सत्य निष्ठा के साथ, मुझे

इस चीज को जानना ही है। चाहे वो वैज्ञानिक हो अगर वह यह बोलेगा मुझे पूरे सत्य को

जानना है तो वह फाइनली उसी चीज तक पहुंचेगा । अब इस गहराई को अल्पज्ञानी मीडिया

क्या जाने उसे तो बस यह चाहिए की अभय अपने माता को राक्षस बोले ओर उसके पिता अपने

बेटे को नशेडी। ताकि देश के प्रत्येक घर में इन रिश्तों पर बहस शुरू हो जाए। इसलिए

इस महाकुंभ के बहाने मीडिया के मूल चरित्र को सामने लाना बेहद जरूरी हो गया है।

जिनके तर्कहीन, अर्थहीन बेहूदा सवालों से महाकुंभ उसी तरह हंस रहा है जिस तरह हंसी

अभय ग्रेवाल के हर जवाब में वह नजर आती है।

Chytré triky pro vaši kuchyni, zahradu a život: objevte naše nejlepší tipy a triky pro vaši každodenní rutinu. Uvařte si lahodné pokrmy a pěstujte si zeleninu jako profesionálové. Naše užitečné články vám pomohou vytvořit skvělý životní styl. Hádanka: najděte písmeno N do Jak správně konzumovat Záhada pro ty, Juicy a lahodné: gruzínský recept na kuře Zatčení servírky: Tajemství, které rozluští jen „Úžasný optický klam: zvonek, který najdou jen lidé Játra kotlety s pohankou: tradiční recept Psycholog identifikoval 3 příznaky "syndromu zlatého dítěte Bláznivá výzva pro Jak dlouho musíte běžet, Získat nejnovější lifestylové tipy, kuchařské triky a užitečné články o zahradničení na našem webu! Najdete zde spoustu inspirace pro vylepšení svého každodenního života a získání nových dovedností. Buďte součástí naší komunity a objevujte společně s námi radost z jednoduchých, ale efektivních triků pro pohodlnější a zdravější život!