कहते हैं कि इंसान गलतियों का पुतला है। दुनिया में ऐसा कोई भी व्यक्ति नहीं है जिसने कभी कोई गलती न की हो, ऐसे में अगर आपसे कोई गलती हो जाती है, तो अपराधबोध में हमेशा घिरे रहने की बजाय उस गलती से सबक लेते हुए आगे बढ़कर खुद में बदलाव करें।
लक्ष्य प्राप्त करने के लिए कुछ बातों को गंभीरता से लेना चाहिए। सब से कभी भी हिम्मत न हारें क्योंकि कभी ऐसा समय आता है जब कठोर परिश्रम करने के बाद भी सफलता दूर लगती है। यही वह स्थिति होती है जब व्यक्ति के धैर्य की परीक्षा होती है। विद्वानों का मत है कि जब लगने लगे कि अंधेर घनघोर है, तो समझ लें आपके जीवन में रोशनी आने वाली है। इसलिए हिम्मत नहीं हारनी चाहिए।
सफलता प्राप्त करने के लिए कभी भी गलत तरीकों का प्रयोग नहीं करना चाहिए और न ही झूठ का सहारा लेना चाहिए। झूठ बोलने की आदत सफलता में सबसे बड़ी बाधा है। झूठ बोलने से व्यक्ति का आत्म विश्वास कमजोर होता है। वह स्वयं को मन ही मन कमजोर समझता है। इसलिए स्वयं की ताकत को पहचानें और कठोर परिश्रम करें।