गलती कर्मचारी- शिक्षक करे, खामियाजा विद्यार्थी भुगत रहे, सामने आ रहे मामले
– आईजीयू की क्रिया कलापों से पीड़ित 7206492978 पर नंबर पर संपर्क करें। राज्यपाल- हरियाणा सरकार तक पहुंचाएंगे मामला
रणघोष अपडेट. रेवाड़ी
कहने को इंदिरा गांधी यूनिवर्सिटी मीरपुर की तरफ से मीडिया में आए दिन प्रेस नोट जारी कर बेहतर शिक्षा के नाम पर बड़े बड़े दावे किए जा रहे हैं लेकिन जमीनी हकीकत एकदम उलट है। यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो. जेपी यादव ने अपने स्तर पर काफी सुधार किया है लेकिन सबकुछ धाराशाही नजर आ रहा है। कुछ मामलों से इसे समझा जा सकता है।
24 जुलाई 2024 को विधि स्नातक रोल नंबर 1600102046094 की डिग्री जारी की गईं। जिसमें संबंधित विभाग की तरफ से डिग्री में माता का नाम गलत लिख दिया गया। पता चलते ही अगले दिन 25 जुलाई को संबंधित विभाग पहुंचे तो उन्होंने लिखित में त्रुटी ठीक कराने का आवेदन ओर संबंधित मूल डिग्री जमा करा ली। 29 जुलाई को मैसेज आता है की उन्होंने यह आवेदन किसी अन्य विभाग में जमा कराना था। त्रुटि ठीक कराने के लिए अलग से फीस भी जमा करानी होगी। इसलिए दुबारा आना होगा। सोचिए गलती विवि का विभाग कर रहा है। बार बार विद्यार्थी के चक्कर कटवा रहा है। मानसिक और आर्थि प्रताड़ित किया जा रहा है। विद्यार्थी को कहा जा रहा है कि अलग से इसे ठीक कराने की फीस जमा करानी होगी। यानि गलती विभाग के कर्मचारी एवं शिक्षक करें उसका खामियाजा विद्यार्थियों को भुगतना पड़ेगा। इसी तरह पूर्व में कुछ युवाओं के मूल माइग्रेशन को रिकार्ड से गायब कर दिया गया। परीक्षा देने के बाद जब डिग्री लेने आए तो बताया गया की उनका माइग्रेशन जमा नही है। इसलिए वे पहले जमा कराए। सोचिए जब परीक्षा में रोल नंबर जारी किए उस समय क्यों नही बताया गया। इसी तरह जब रजल्ट जारी कर दिया उस समय भी लिखित में अवगत नही कराया। डिग्री लेते समय बताया जाता है की यह महत्वपूर्ण दस्तावेज गायब है। अगर जमा नही हुआ तो इसका नोटिस जारी क्यों नही किया गया। नतीजा पीड़ित विद्यार्थी को कई हजारों रुपए माइग्रेशन के नाम पर दो विवि में बनाए गए नियमों के तहत भुगतने पड़े हैं। वजह उसका भविष्य दाव पर लगा रहता है ऐसे में उसके पास उनके जारी फतवों को मानने के अलावा कोई चारा नही होता। यहा गौर करने वाली बात यह है की दाखिला के समय कागजात जमा कराते समय कोई लिखित में रसीद नही दी जाती जिसके आधार पर वह अपना पक्ष रख सके। जिसके चलते विद्यार्थियों को जबरदस्त मानसिक और आर्थिक प्रताड़ना भी झेलनी पड़ रही है। वीसी प्रो. जेपी यादव ने कार्यभार संभालते हुए इन बेलगाम व्यवस्थाओं को ठीक करने के लिए प्रयास भी किए लेकिन वे अभी तक इसमें पूरी तरह से कामयाब नही हो पाए है। उनके आने से पहले शिक्षा ग्रहण करने वाले विद्यार्थियों को सबसे ज्यादा इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। इतना ही नही विवि में शिक्षकों की आपसी गुटबाजी और विद्यार्थियों को अलग अलग मकसद से प्रताड़ित करने के मामले भी सामने आए हैं जिसमें विद्यार्थी को आंतरिक मूल्याकंन के नाम पर मिलने वाले नंबरों में भी खेल किया जाता है। जो विद्यार्थी शिक्षकों की शर्तो पर चलता है उसे नंबर बेहतर मिल जाते हैं जो उनके हिसाब से नही चलता उनके भविष्य से खिलवाड़ कर डालते हैं। ऐसे ही एक मामले में कुछ शिक्षकों ने अपनी टीस निकालने के लिए विधि स्नातक के विद्यार्थी को आंतरिक मूल्याकंन में अनुपस्थित ही दिखाकर जीरो नंबर दे दे दिए जबकि वह ऐसा हरगिज नही कर सकते। पूरी हाजिरी होने पर विद्यार्थी को 5 नंबर अलग से मिलते हैं। इसके बावजूद उसे मार्क्स सीट पर अनुपस्थित दिखाया गया। सोचिए अनुपस्थिति दिखाने की स्थिति में विद्यार्थी के रोल नंबर रोक दिए जाते हैं। फिर उसे रोल नंबर क्यों दिए गए। इतना सबकुछ प्रताड़ित करने बावजूद विद्यार्थी अपनी कड़ी मेहनत से थ्योरी में अच्छे नंबर लेकर पास हो जाता है और इन शिक्षकों के उनके कैरियर के खत्म करने के मंसूबों पर पानी फिर जाता है।
आईजीयू का स्तर तेजी से खत्म कर रहे गुटबाजी में बंटे शिक्षक
आईजीयू का स्तर बजाय ठीक होने गिरता जा रहा है। अकेले वीसी चाहकर भी कुछ नही कर सकते। यहा अधिकतर शिक्षक पढ़ाने के नाम पर एक दूसरे को नीचा दिखाने में ज्यादा समय बीता रहे हैं। नतीजा इसका खामियाजा उन विद्यार्थियों को भुगतना पड़ रहा है जो बेहतर भविष्य के नाम पर यहां दाखिला ले रहे हैं।
अब कोर्ट में करेंगे याचिका दायर
पीड़ित लॉ के विद्यार्थी ने कहा की उन्होंने यह डिग्री इसलिए प्राप्त की है की कानूनन तरीके से न्याय की लड़ाई को लड़ा जा सकते। पीड़ितों को न्याय दिला सके। जब उन्हें ही डिग्री को लेकर लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है तो वे इसी डिग्री को लेकर अब कानून तरीके से लड़ेगे। इसलिए अब इस डिग्री को लेकर कोर्ट का सहारा लेंगे।
आईजीयू से पीड़ित इस हेल्प लाइन नंबर पर संपर्क करें
आईजीयू की क्रिया कलापों से पीड़ित 7206492978 पर नंबर पर संपर्क करें। राज्यपाल- हरियाणा सरकार तक उनके साथ हो रही ज्यादतियों को पूरे प्रमाण के साथ पहुंचाया जाएगा। विद्यार्थी, कर्मचारी या कोई शिक्षक नाम गुप्त रख सकते हैं। यह विद्यार्थियों के भविष्य को बचाने का सवाल है।