रणघोष अपडेट. देशभर से
आरएसएस के मुखपत्र ऑर्गनाइजर में ‘डिकोडिंग द हिट जॉब बाइ हिंडनबर्ग अगेंस्ट अडानी ग्रुप’ शीर्षक से छपे लेख में बताया गया है कि कैसे यह एक विदेशी साज़िश है जिसका मक़सद देश की अर्थव्यवस्था को बर्बाद करना है। लेख मे भारत के तमाम स्वतंत्र पत्रकारों और वेबसाइटों का उल्लेख किया गया है जो लेख के मुताबिक विदेशी फंडिंग लेकर अडानी की छवि खराब करने मे तब से जुटे हैं जब अडानी ने आस्ट्रेलिया में कोयला खदान खरीदी थी। इन पत्रकारों पर वामपंथी विचारधारा से प्रभावित होने का आरोप लगाते हुए उन्हें डिजिटल शार्पर्शूटर बताया गया है। ऐसी तमाम वेबसाइटों को जो आज भी निर्भय होकर मोदी सरकार के कारनामों पर क़लम चलाती हैं, ‘देश विरोधी कार्टेल’ का हिस्सा बताया गया है। अंत में लेख ये भी बताता है कि यह सब ‘2024 के चुनाव को ध्यान में रखकर’ हो रहा है। यानी अडानी पर हमला मोदी पर हमला है।