11 केस गांव पाली स्कूल में मिले
रणघोष अपडेट. कुंड.रेवाड़ी
दीपावली पर्व के तुरंत बाद स्कूल- कालेज खोलने की सरकार की योजना को ग्रामीणों ने अपनी लापरवाही से फेल कर दिया है। आदर्श कुंड राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में तमाम प्रयास के बाद भी 19 छात्रों के कोरोना पॉजीटिव होने का मामला सामने आया है। शिक्षकों का कहना है कि सभी छात्र गांव पाडला से आते हैं। इससे साबित होता है कि गांव में बरती गई कोताही का खामियाजा स्कूल एवं अन्य विद्यार्थियों को भुगतना पड़ा। स्कूल प्रबंधन ने अपने स्तर पर कोरोना से निपटने के लिए पुख्ता प्रबंध किए हुए थे। कक्षा 9 वीं से 12 वीं तक के सभी विद्यार्थियों की पढ़ाई के लिए दो शिफ्ट बनाई हुई थी। यहां तक की स्कूल शिक्षकों एवं विद्यार्थियों का भी कोरोना टेस्ट करवाया गया था। लिहाजा यह वायरस गांव होता हुआ स्कूल में पहुंच गया। स्वास्थ्य विभाग ने रिपोर्ट के बाद अपने स्तर पर सभी आवश्यक कार्रवाई शुरू कर दी है। इसी तरह गांव पाली के सरकारी स्कूल में भी 11 छात्र पॉजीटिव आए हैं। उसकी वजह भी यही बताई जा रही है।
स्कूल खुलने के बाद अचानक आए इन मामलों की वजह साफ तौर से गांव स्तर पर बरती जा रही कोताही है। कुंड स्कूल प्रबंधन ने कोरोना से निपटने के लिए कक्षा 9 वीं से 12 वीं के विद्यार्थियों के लिए दो शिफ्ट शुरू की हुई थी। प्राचार्य सुनील कुमार ने बताया कि सुबह कक्षा 10 वी से 12 वीं तक के विद्यार्थी एवं दूसरी शिफ्ट में कक्षा 9 वीं के विद्यार्थियों को बुलाया जा रहा था। कुल मिलाकर 60 के आस पास बच्चे अपने अभिभावकों की अनुमति से आते थे। स्कूल स्टाफ ने पहले ही कोरोना टेस्ट करा लिया था। 5-7 दिन पहले विद्यार्थियों का टेस्ट कराया गया तो यह रिपोर्ट सामने आईं। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से इस पूरे मामले को देख रहे पीएचसी बासदूदा केंद्र के इंचार्ज डॉ. अभिषेक यादव ने कहा कि सबकुछ लापरवाही का परिणाम है। हम जितनी मेहनत इस वायरस को कंट्रोल करने में लगाते हैं आमजन की कोताही उस पर मेहनत फेर देती हैं। बार बार जागरूक कार्यक्रमों के बावजूद लोग गंभीर नहीं है। हमने छात्रों के परिजनों एवं सपर्क रहने वालों का रिकार्ड बनाना शुरू कर दिया है।