पूरी तरह थी सही-सलामत, कई रहस्यों के उजागर होने की उम्मीद
मिस्र का इतिहास बेहद पुराना है वो अपने आप में इतना रहस्य समेटे हुए है जो सोचा भी नहीं जा सकता. अक्सर ही किसी ना किसी खुदाई में ऐसी ममी मिलती है जो लोगों के आश्चर्य को और ज्यादा बढ़ा देती है क्योंकि ममी मात्र किसी का शव नहीं बल्कि अपने साथ इतिहास, संस्कृति, चलन और परिवेश का द्योतक होती है. एक ममी अपने साथ न जाने कितने रहस्य उजागर कर देती है. जो वैज्ञानिक को नई खोज के लिए ढेरों वजहें दे देती है.
मिस्र रहस्यों का खजाना है जिसके बारे में जानने के लिए वैज्ञानिक हमेशा उत्सुक रहते हैं. इस बीच खुदाई के दौरान 4300 साल पुरानी एक ममी मिली है जिसका हाल वैज्ञानिक को हैरान कर रहा है. अब तक मिली हर ममी में टूट फूट देखी गई है लेकिन इस बार मिली ममी पूरी तरह सही सलामत देखकर वैज्ञानिक बेहद चकित रह गए.
क्या ये है अब तक की सबसे पुरानी ममी?
4300 साल पुरानी संरक्षित ममी मिस्र के काहिरा में खुदाई के दौरान मिली है. इसके अब तक की सबसे पुरानी ममी होने का अनुमान लगाया जा रहा है. इसी के साथ वैज्ञानिकों का मानना है कि उन्हें इस ममी के जरिए मिस्र के प्राचीन इतिहास को और ज्यादा विस्तार से जानने में काफी मदद मिल सकती है. खुदाई कर 4300 साल पुरानी ममी की खोज करने वाले पूरातत्वविदों के टीम लीडर जही हवास के मुताबिक ममी हेकाशीप्स नाम के शख्स की है, जो पांचवें या छठे साम्राज्य से संबंधित हो सकती है. जिस मकबरे में ममी मिली है वो उनास साम्राज्य के Khnumdjedef का बताई गई. मकबरे की दीवार पर अलग अलग तरह की कलाकृतियां और ढेर सारी मूर्तियां बरामद हुई है. जो निसंदेह उस वक्त की संस्कृति और परंपरा का प्रतिनिधित्व कर रही होंगी.
‘द गोल्डेन बॉय’ नाम की ममी ने भी चौंकाया
पुरातत्त्वविदों की टीम मिस्र में अक्सर खुदाई करती रहती है. हाल ही में एक ऐसी ममी मिली थी जो 2300 साल पुरानी बताई गई जो 14 से 15 साल के एक लड़के की है. उस ममी में इतना सोना मिला की उसे ‘द गोल्डन बॉय’ नाम दे दिया गया. वैज्ञानिक के मुताबिक लड़के का ताल्लुक किसी संपन्न और संभ्रांत परिवार से रहा होगा, क्योंकि उसके दांत और हड्डियां स्वस्थ अवस्था में थी. जिसमें कुपोषण का कोई निशान नहीं मिलता.
सोने की अंगों के ज़रिए अगले जन्म की तैयारी
खुदाई वाली टीम का नेतृत्व कर रहे काहिरा यूनिवर्सिटी के डॉक्टर सहर सलीम ने सीटी स्कैनर के जरिये ममी के अध्ययन का निर्णय लिया. एक मेडीसिन जर्नल में छपे लेख में जो जानकारियां दी. उसके मुताबिक ममी में सोने की जीभ, सोने का दिल, 21 तरह के 49 ताबीज मिले. जिनमें से कुछ लड़के के शरीर के अंदर और कुछ ममी के ऊपर मिले. डॉ सलीम ने ये भी बताया कि प्राचीन मिस्र के लोग शवों के साथ ताबीज इसलिए रखते थे ताकि उन्हें अगले जन्म में सुरक्षा मिले. साथ ही सोने की जीभ का मकसद अगले जीवन में उनकी बोलने की बेहतर क्षमता से है.