एसपी ने कैथल सिविल लाइन के प्रभारी व एडिशनल एसएचओ को किया सस्पेंड
रणघोष अपडेट. कैथल से नरेश भारद्वाज
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से भ्रूण लिंग जांच कराने वाले गिरोह के दो सदस्यों को नियम और कायदे ताक पर रखकर जमानत देने के आरोप में एसपी कैथल ने सिविल लाइन थाना के एसएचओ व एडिशनल एसएचओ को सस्पेंड कर दिया है। उनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं। गौरतलब है कि गत 17 फरवरी को कैथल व गुरुग्राम स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीमों ने भ्रूण जांच गिरोह का फंडाफोड़ करते हुए एक व्यक्ति को सहारनपुर से तो दूसरे को कैथल से गिरफ्तार किया था। गिरोह सदस्य ने पहले 50 हजार फिर जांच के लिए जाने से पहले 10 हजार रुपये वसूले। जिनमें से 50 हजार रुपये की राशि का भुगतान सरकारी खाते से किया गया था। पुलिस ने कैथल के सिविल लाइन थाना में इस मामले में पांच लोगों के खिलाफ पीएनडीटी एक्ट के तहत केस दर्ज था।
पुलिस ने 19 घंटे में ही दे दी दोनों आरोपियों को मुचलके पर बेल
जिस गिरोह को पकड़ने के लिए कैथल व गुरुग्राम के स्वास्थ्य विभाग की टीम पिछले 20 दिन से लगी हुई थी। उसी गिरोह के दो सदस्यों को पुलिस ने 19 घंटो में ही बेल पर छोड़ दिया। अमूमन पुलिस ऐसे मामलों में बेल नहीं देती। स्वास्थ्य विभाग कैथल का गुरुग्राम जिला की टीमों ने कड़ी मशक्कत से भ्रूण लिंग जांच करने वाले गिरोह के दो सदस्यों संदीप व बलबीर को पकड़कर गुरुवार 17 फरवरी की रात को 12 सिविल लाइन थाना पुलिस को सौंपा था।पुलिस ने इस पर संदीप, बलबीर व मनीष को नामजद कर पीएनडीटी एक्ट की विभिन्न धाराओं समेत धोखाधड़ी की धारा के तहत केस दर्ज किया था। स्वास्थ्य विभाग की टीम को उम्मीद थी कि पुलिस जल्द ही गिरोह के अन्य सदस्यों को गिरफ्तार करने में उनकी मदद करेगी। लेकिन शुक्रवार 18 फरवरी की शाम को पुलिस ने दोनों आरोपियों को मुचलका भरवा कर पुलिस बेल पर रिहा कर दिया। कानूनन पुलिस आरोपियों को पुलिस बेल दे सकती है। लेकिन इस तरह के मामलों में पुलिस बहुत कम ऐसा करती है। एडवोकेट दिनेश त्यागी का कहना है कि 7 साल से कम सजा वाले मामलों में पुलिस को बेल देने की पावर है। लेकिन ये प्रेक्टिस में नहीं है। अमूमन ऐसे मामलों में पुलिस ऐसा नहीं करती। लेकिन कोई विशेष कारण बताकर पुलिस ऐसा कर सकती है।
सिविल लाइन थाने के प्रभारी व एडिशनल एसएचओ सस्पेंड
एसपी ने थाना सिविल लाइन के प्रभारी सत्यवान और एडिशनल एसएचओ राजकुमार को पीएनडीटी एक्ट जैसे गंभीर मामले में आरोपियों को जमानत देने पर तुरंत प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है। उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई के भी आदेश दिए गए हैं। एसपी मकसूद अहमद ने बताया कि दोनों पुलिस अधिकारियों ने इस गंभीर मामले में आरोपियों को जमानत देदी। जबकि ऐसे मामलों में आरोपियों को अदालत में पेश किया जाता है और पुलिस यह प्रयास करती है कि उनकी जमानत ना हो पाए। लेकिन सिविल लाइन थाना के एसएचओ और एडिशनल एसएचओ ने उन्हें थाने में ही जमानत दे दी। जिस कारण दोनों को तुरंत प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है। उनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं। पुलिस आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई में लगी हुई है।
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