असम की कड़कदार चाय की तरह असर डाल रहा मोदी का हिंदी लहजा, भाषा से ज्यादा अंदाज बदल रहा मिजाज
⊗ मोदी मंच पर हरियाणा नेताओं ने दिखाई अपनी दमदार मौजूदगी
⊗ इस चुनाव खास बात यह है कि हिंदी भाषा भी अब पूरे बहुमत के साथ उत्साह में नजर आ रही है
रणघोष खास. सीधे असम से
असम विधानसभा चुनाव प्रचार में बुधवार शाम पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगल दोई लोकसभा क्षेत्र के सीपाझार में हुई रैली को संबोधित किया। पीएम आने से पहले कुछ घंटों तक मंच पर हिंदी- असमिया भाषा का जबरदस्त संगम देखने को मिला। इस क्षेत्र की कमान लोकसभा प्रभारी के तोर पर हरियाणा हरको बैंक के चेयरमैन अरविंद यादव एवं यहां के सांसद दिलीप सैकिया ने संभाल रखी थी। प्रदेश चुनाव प्रभारी के तौर पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर, समेत असम के सीनियर नेता मंच पर पहले आ चुके थे। नरेंद्र तोमर ने रैली की प्रबंधन कमेटी से बातचीत कर तैयारियों का जायजा लिया। इसके बाद मंच पर पहुंचे पीएम मोदी ने भी हिंदी लहजे के अपने अंदाज से असमिया की संस्कृति, अस्मिता का जिक्र करते हुए कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। मोदी ने कहा कि डबल इंजन की सरकार के प्रति लोगों का उत्साह चरम सीमा पर है। दूर दूर तक नजर आ रही भीड़ इस बात की गवाह है कि असम के हर कोने में भाजपा को लेकर मिजाज एवं उत्साह है। यह धरती श्रीश्री महादेव एवं डॉ. भूपेश हजारी जैसे महान लोगों की है। भाजपा ने असम की संस्कृति को समृद्ध करने वाले इन महान पुरुषों के योगदान को आने वाली पीढ़ी तक पहुंचाने का काम किया है। असम को आतंक, अराजकता, घुसपैठ से मुक्ति मिल रही है। असम में विश्वास के सेतू मजबूत हो रहे हैं। मै आपको जगाने आया हूं। कांग्रेस का हाथ ऐसे लोगो के साथ है जिसका लक्ष्य असम की पहचान को खत्म् करना है। कांग्रेस वोट के लिए कुछ भी कर सकती है। जरूरत पड़ने पर किसी को धोखा भी दे सकती है। कांग्रेस एक महाझूठ है।– पीएम ने पोथारूघाट का जिक्र किया। 28 जनवरी 1894 में यहां के 140 किसानों ने अंग्रेजों के भूमि कर के खिलाफ जबरदस्त आंदोलन करते हुए अपनी शहादत दे दी थी।इसी जगह पर एक शहीद स्मारक भी बनाया गया है।
पीएम मोदी के भाषण से यह साफ नजर आ रहा था कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में भाजपा के लिए असम और पश्चिम बंगाल काफी महत्वपूर्ण हो चुका है। असम में उसे अपनी सरकार बरकरार रखते हुए दूसरी पारी खेलना है तो वहीं दूसरी ओर पश्चिम बंगाल में भाजपा को उम्मीद है कि बरसों से वह पश्चिम बंगाल में अपनी सरकार बनाने का जो सपना देख रही थी वह इस चुनाव में साकार हो सकता है । भाजपा को भरोसा है कि इस बार उसके अनुकूल पहली बार सकारात्मक माहौल विधानसभा चुनाव में नजर आ रहा है और वह तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो तथा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की 10 साल पुरानी सत्ता को उखाड़ कर अपने भगवाई चमक–दमक वाली सत्ता स्थापित कर सकती है। पश्चिम बंगाल में मध्य प्रदेश के कई बड़े नेता लगे हुए हैं और कैलाश विजयवर्गीय भाजपा के प्रदेश प्रभारी हैं। असम में भाजपा ने केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को प्रभारी बनाया है। वहीं हरियाणा से 22 से ज्यादा सीनियर पदाधिकारियों की एक टीम एक मार्च से असम के गांवों- गांवों में बूथ मैनेजमेंट को मजबूत करने में जुटी हुई है। सभी की चुनावी रणनीति दांव पर लगी है और नतीजों के बाद ही यह पता चल सकेगा कि रणनीति किसकी सफल रहती है। भाजपाई अपने भाषण में फिर से भाजपा का कमल खिलाने के लिए कांग्रेस पर भारत की सबसे बड़ी सांप्रदायिक पार्टी होने का आरोप लगाते हुए कह रहे हैं कि देश में भ्रष्टाचार का जन्म कांग्रेस की कोख से ही हुआ है और उसने चुनावों में सांप्रदायिक ताकतों के साथ गठबंधन किया है। इस प्रकार असम के मतदाताओं को समझा रहे हैं कि कांग्रेस के स्थान पर फिर से भाजपा को एक मौका और दें ताकि विकास की नई इबारत का सिलसिला तेजी से आगे बढ़ता रहे। भाजपाई लगातार इस मुद्दे को हवा दे रहे हैं कि ‘कांग्रेस का मुस्लिम लीग (केरल) के साथ भी गठबंधन है।
असम में उसका बदरुद्दीन अजमल (एआइयूडीएफ अध्यक्ष) के साथ गठबंधन है जो सांप्रदायिकता का पर्याय हैं।’ उन्होंने कहा कि इस कारण कांग्रेस सांप्रदायिकता के बारे में बात करने का अधिकार खो चुकी है। कांग्रेस उन इलाकों में एआइयूडीएफ के साथ अपने गठबंधन को प्रचारित नहीं कर रही है जहां उसे लगता है कि इससे उसकी चुनावी संभावना पर असर पड़ सकता है। कांग्रेस को लगता है कि असम के लोग इसे नहीं समझते, लेकिन वे सब समझते हैं, अब उसे भी इसका पता चल जाएगा ,जब चुनाव परिणाम घोषित होंगे। इस प्रकार असम के चुनाव प्रचार में भाजपा अजमल के साथ कांग्रेस के गठजोड़ का मामला जोरशोर से उठा रही है और लगता है कि उसे इस बात का पक्का भरोसा है कि यहां पर इसके सहारे आसानी से मतों का ध्रुवीकरण करने में वह सफल रहेगी। इतना जरूर है कि असम में मोदी का दौरा बाहरी तौर पर तो असर डाल रहा है। वह वोटों में कितना तब्दील होगा यह परिणाम से ही स्पष्ट होगा।