मनुमुक्त ‘मानव’ ट्रस्ट द्वारा आयोजित डिजिटल अंतरराष्ट्रीय कवि-सम्मेलन

कवियों ने मनुमुक्त को दी काव्यात्मक श्रद्धांजलि


मनुमुक्तमानवमेमोरियल ट्रस्ट द्वारा हिमाचल प्रदेश काडर के दिवंगत आईपीएस अधिकारी डॉ मनुमुक्तमानवकी 37वीं वर्षगांठ पर एक डिजिटल अंतरराष्ट्रीय कविसम्मेलन आयोजित किया गया, जिसमें देशविदेश के लगभग दो दर्जन कवियों द्वारा उन्हें काव्यात्मक श्रद्धांजलि दी गई। इस अवसर पर दिल्ली के स्पेशल पुलिस कमिश्नर मुक्तेश्वर चंदर, आईपीएस ने बांसुरीवादन करके, नई दिल्ली की सुप्रसिद्ध गायिका उर्वशी अरोड़ा ने मनुमुक्त की पसंद के फिल्मी गीतों की प्रस्तुति द्वारा तथा कोलंबो विश्वविद्यालय, कोलंबो (श्रीलंका) की प्रोफेसर डॉ अंजली मिश्रा ने मनुमुक्त की पसंद के गानों पर कलात्मक नृत्य प्रस्तुत करके उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। चीफट्रस्टी डॉ रामनिवासमानवके प्रेरक सान्निध्य तथा ट्रस्ट की अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमप्रभारी और दिल्ली की वरिष्ठ कवयित्री उर्वशी अग्रवालउर्वीके कुशल संयोजनसंचालन में संपन्न हुए अपने ढंग के इस अनूठे कार्यक्रम को संपादित कर डिजिटल रूप  देने में लगभग एक महीने का समय लगा।  आईआईएम,‌ कोलकाता (पश्चिम बंगाल) के बोर्ड  ऑफ  गवर्नर्स के अध्यक्ष तथा महात्मा गांधी के सुपौत्र श्रीकृष्ण कुलकर्णी ने इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि मनुमुक्त को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उनके जैसे सुयोग्य, ऊर्जावान और प्रतिभाशाली युवा पुलिस अधिकारी का असमय निधन देश और समाज के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकता। हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय, धर्मशाला के कुलाधिपति डॉ एचएस बेदी ने अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में उन्हें युवा शक्ति का प्रतीक और प्रेरणास्रोत बताते हुए कहा कि तीसवर्ष की अल्पायु में अर्जित उनकी उपलब्धियों को देखकर आश्चर्य होता है। दिल्ली के स्पेशल पुलिस आयुक्त मुक्तेश चंदर, आईपीएस, हरियाणा कला परिषद्, गुरुग्राम के निर्देशक महेश जोशी, हरियाणा साहित्य अकादमी, पंचकूला के पूर्व निदेशक डॉ पूर्णमल गौड़, महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय, कैथल (हरियाणा) के कुलपति डॉ श्रेयांश द्विवेदी, सिंघानिया विश्वविद्यालय, पचेरी बडी (राजस्थान) के कुलपति डॉ उमाशंकर यादव, अखिल भारतीय शाकाहार परिषद्, छत्तीसगढ़ के संयोजक पवन जैनप्रेमीतथा विश्वबैंक, वाशिंगटन डीसी (अमेरिका) की अर्थशास्त्री डॉ एस अनुकृति और परामर्शी प्रो सिद्धार्थ रामलिंगम ने भी, अपने संदेशों में मनुमुक्त को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए, ट्रस्ट द्वारा उनकी स्मृतियों को संजोए रखने के लिए किए जा रहे प्रयासों की भूरीभूरी प्रशंसा की

  इन्होंने किया कवितापाठ :

अपने ढंग के इस पहले डिजिटल कविसम्मेलन में शामिल कवियों में बर्लिन (जर्मनी) की योजना शाह जैन, सिडनी (ऑस्ट्रेलिया) के विजय कुमार, मास्को (रूस) की श्वेता सिंह, मेडन (इंडोनेशिया) के आशीष शर्मा, सैन डियागो (अमेरिका) की डॉ कमला सिंह, वेंकूवर (कनाडा) की प्राची चतुर्वेदी रंधावा और कोलंबो (श्रीलंका) की डॉ अंजली मिश्रा के अतिरिक्त भारत से नई दिल्ली की डॉ कीर्ति काले, उर्वशी अग्रवालउर्वी‘, खुशबू शर्मा, कल्पना शुक्ला, प्रवीण शुक्ल और विज्ञान व्रत, पटियाला (पंजाब) के नरेश नाज़, आगरा की रुचि चतुर्वेदी, बरेली की सिया सचदेव, बदायूं की सोनरूपा विशाल तथा नोएडा (उप्र) की कविता तिवारी, माला कपूर और सुदीप भोला, हिसार के डॉ चंद्रशेखर, फरीदाबाद के दिनेश रघुवंशी और नारनौल (हरि) के डॉ रामनिवासमानवके नाम उल्लेखनीय हैं।

  ये रहे उपस्थित :

कविसम्मेलन को अपनी उपस्थिति से गरिमा प्रदान करने वालों में नई दिल्ली के पवन अग्रवाल और सुनीता शुभसंकल्प, अमलनेर के डॉक्टर सुरेश माहेश्वरी, ग्वालियर की डॉ रश्मि चौधरी, अहमदाबाद के नरेन्द्र सिहाग, अल्मोड़ा के उदय किरोला, मुरादाबाद के अटल मुरादाबादी, फतेहाबाद की डॉ  कृष्णा कंबोज, सिवानी मंडी के डॉ सत्यवान सौरभ, अमृतसर के मृगेंद्र बेदी, तलश्शेरी के पीए  रघुराम, भिवानी के विकास कायत, अलवर के संजय पाठक, नेरटी के रमेश मस्ताना तथा नारनौल की डॉ कांता भारती, डॉ जितेंद्र भारद्वाज, डॉ पंकज गौड़, कृष्णकुमार शर्मा, एडवोकेट और प्रो हितेश गौड़ शामिल हैं।

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