ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित 70 साल की कौशल्या का सफल ऑप्रेशन, खर्चा महज 3 हजार रुपए
– कैंसर सर्जन डॉ. साहिल के नेतृत्व में गठित टीम ने सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं में भरोसा कायम कर दिया
रणघोष अपडेट. रेवाड़ी
शहर के नागरिक अस्पताल के इतिहास में एक शानदार उपलब्धि मंगलवार को जुड़ गईं। ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित 70 साल की कौशल्या पत्नी महाबीर, झुंझुनु, राजस्थान का सफल ऑप्रेशन कर कैंसर सर्जन डॉ. साहिल की टीम ने सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति आमजन का भरोसा कायम कर दिया। सरकारी अस्पतालों में कैंसर जैसी बीमारियों का इलाज वह भी ना के बराबर खर्चें में होना यह साबित करता है कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में इंसानियत ओर मानवता अभी भी इस पेशे की गरिमा को बचाए हुए हैं। कौशल्या राजस्थान से संबंध रखती है इसलिए ऑप्रेशन के नाम पर 3 हजार रुपए खर्च हो गए। अगर वह हरियाणा की निवासी होती तो यह राशि भी खर्च नहीं होती। मरीज के परिजनों से सिर्फ ऑप्रेशन के नाम पर सरकारी फीस ली गई है।
नागरिक अस्पताल में छह माह पहले ही कैंसर बीमारी को लेकर स्वास्थ्य सेवाएं शुरू की हुई थी जिसकी कमान डॉ. साहिल के पास थी। आमतौर पर कैंसर जैसी डरावनी बीमारी को लेकर किसी भी मरीज या उनके परिजनों का सरकारी सेवाओं के प्रति विश्वास ना के बराबर होता है। साथ ही इस बीमारी का इलाज इतना मंहगा एवं मानसिक तौर पर इतना कष्टदायक होता है कि परिजन इस बीमार का नाम सुनते ही हिम्मत तोड़ देते हैं। डॉ. साहिल के मुताबिक पिछले छह माह में कैंसर मरीज अपना चैकअप एवं इलाज कराने के लिए आ रहे थे। प्राथमिक चरण में हम उनकी जांच कराते हैं। बहुत से केस में कैंसर तीसरी व चौथी स्टेज पर पहुंच चुका होता है। ऐसे में इलाज संभव नहीं था। कौशल्या देवी के ब्रेस्ट की दाई तरफ कैंसर दूसरी स्टेज में पहुंच चुका था। किसी मरीज के कहने पर यह मरीज 15 दिन पहले हमारे अस्पताल में पहुंची थी। हमने सभी चैकअप कराने के बाद ऑप्रेशन करने का निर्णय लिया जो जोखिमभरा था। कुछ साथियों ने ना करने की सलाह दी। मरीज के परिजनों का हम पर बहुत विश्वास था। उनकी स्थिति को देखते हुए हमने ऑप्रेशन करने की ठानी। मंगलवार सुबह ऑप्रेशन तीन घंटे तक चला। जिसमें हम मरीज को खतरे से बाहर निकालने में सफल रहे। कैंसर की गांठ को बाहर निकाल दिया गया है। आमतौर पर इस तरह के ऑप्रेशन निजी अस्पतालों में कम से कम दो से तीन लाख रुपए की कीमत पर होते हैं। हमें गर्व है कि इस पूरे इलाज में मरीज का महज 2 से तीन हजार रुपए खर्च आया है वह भी राजस्थान का निवासी होने की वजह से। डॉ. साहिल के इस सफल ऑप्रेशन की चौतरफा सराहना हो रही है। इस शानदार उपलब्धि से सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति मरीजों एवं आमजन का विश्वास भी कायम हुआ है कि यहां बड़ी बीमारियों का इलाज भी ना के बराबर कीमत में हो सकता है।
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