आज लगभग हर गाड़ी में फास्टैग लगा होता है. फास्टैग (FASTag) का नाम आते ही लोगों के जहन में केवल एक ही बात सामने आती है कि टोल पर होने वाला ऑनलाइन भुगतान जिसमें समय की बचत होती है. ये सही भी है कि फास्टैग को इसी काम के लिए बनाया गया है और इसके आने के बाद टोल नाके पर लगने वाले समय में काफी कमी भी आ गई है. साथ ही टोल टैक्स का भुगतान भी आसानी से हो जाता है. लेकिन इसके अलावा भी फास्टैग का एक बड़ा काम है जिससे बड़ी संख्या में लोग अनजान हैं.
दरअसल फास्टैग का एक ऐसा हिडन फीचर भी है जो आपकी कार की हर समय एक चौकीदार की तरह निगरानी भी करता है और कार को चोरी होने से बचाता है. आइये जानते हैं क्या है फास्टैग का ये हिडन फीचर और कैसे काम करता है.
कैसे काम करता है फास्टैग
फास्टैग एक तरह की डिवाइस है जो स्टीकर के तौर पर आपकी कार के विंडस्क्रीन पर लग जाती है. ये रेडियो फ्रीक्वेंसी पर काम करता है ओर टोल पर पहुंचते ही स्कैनिंग के जरिए आपके डिजिटल वॉलेट से जो फास्टैग के साथ अटैच होता है निर्धारित राशि कट जाती है. जब भी फास्टैग लगी कोई कार टोल से गुजरती है तो इसका मैसेज रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर ऑटोमैटिकली जाता है. इस मैसेज में टोल टैक्स की लोकेशन और वहां पर कटी राशि के बारे में जानकारी होती है. ऐसे में जिस भी टोल से आपकी कार गुजरेगी उसकी जानकारी आपके मोबाइल पर आ जाएगी.
पुलिस भी कर सकती है ट्रैक
रेडियो फ्रिक्वेंसी पर होने के चलते फास्टैग लगी कार को पुलिस भी आसानी से ट्रैक कर सकती है. ये कुछ कुछ वैसा ही होगा जैसे मोबाइल को ट्रेस करना लेकिन इसके लिए जरूरी होगा कि फास्टैग कार पर लगा हो और एक्टिव हो. जैसे ही फास्टैग किसी भी टोल से निकलेगा इसको ट्रैक करना आसान हो जाएगा. इससे कार की सही लोकेशन की जानकारी मिल जाएगी.
हमेशा रखें एक्टिव
कार पर लगे फास्टैग को हर समय एक्टिव रखने की जरूरत है. फास्टैग को एक्टिव रखने के लिए जिस वॉलेट से ये लिंक है उसमें कुछ राशि जरूर रखें. यदि आपके वॉलेट का बैलेंस फास्टैग के लिए निर्धारित राशि से कम होता है तो ये एक्टिव नहीं रहता है. ऐसी स्थिति में आपके लिए इसे ट्रैक करना मुश्किल होगा.