डॉ एस अनुकृति विश्वबैंक, वाशिंगटन डीसी (अमरीका) में हैं अर्थशास्त्री
महिलाओं, विशेष रूप से युवतियों के लिए रोल मॉडल बन चुकी विशिष्ट उपलब्धियों की धनी तथा 23 अक्टूबर, सन् 1981 को नारनौल में जन्मी तथा हिसार में पली-बढ़ी डॉ एस अनुकृति अपने नगर और प्रदेश का ही नहीं, बल्कि देश का भी नाम विश्व में रोशन कर रही हैैं। एक अगस्त, 2020 को विश्वबैंक, वाशिंगटन डीसी (अमरीका) में बतौर अर्थशास्त्री ज्वाइन करने के साथ ही अनुकृति विश्व की अर्थव्यवस्था को नियंत्रित करने वाली इस सर्वोच्च बैंकिंग संस्था की दस सदस्यीय मानव-संसाधन समिति की सदस्य भी बन गई हैं, जो पूरे विश्व में मानव-संसाधन विकास का जिम्मा संभालती है। इससे पूर्व सात वर्षों तक बीसी यूनिवर्सिटी, बोस्टन (अमरीका) में अर्थशास्त्र की प्रोफ़ेसर रहीं अनुकृति के पति प्रो सिद्धार्थ रामलिंगम पहले से ही विश्वबैंक में कंसलटेंट के पद पर कार्यरत हैं।
प्रख्यात साहित्यकार और शिक्षाविद् डॉ रामनिवास ‘मानव’ तथा अर्थशास्त्र की पूर्व प्रवक्ता डॉ कांता भारती की लाडली बेटी तथा जन्मजात विशिष्ट प्रतिभा की धनी अनुकृति की उपलब्धियां वैश्विक स्तर की रही हैं। दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से बीए इकोनॉमिक्स (ऑनर्स) और दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से एमए (अर्थशास्त्र) करने के उपरांत विश्व के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों में से एक कोलंबिया विश्वविद्यालय, न्यूयॉर्क (अमरीका) से एमए (अर्थशास्त्र), एमफिल् और पीएचडी की तीन उपाधियां एकसाथ प्राप्त कीं। रोचेस्टर, ब्राउन, विसकोंसिन मेडीसिन, कोलंबिया, न्यूयॉर्क और मेरीलैंड सहित अमरीका के छह प्रमुख विश्वविद्यालयों में पीएचडी हेतु चयनित होने वाली अनुकृति को अमरीका, कनाडा, ब्रिटेन, स्वीडन, ऑस्ट्रेलिया, भारत और कतर सहित सात देशों के सत्रह विश्वविद्यालयों तथा समतुल्य संस्थानों में सर्विस हेतु चयनित होने का गौरव भी प्राप्त हुआ।
अपनी शिक्षा के दौरान भारत सरकार का नेशनल अवार्ड, अमेरिका की जीई कैपिटल स्कॉलरशिप, विकरी और हैरिस अवार्ड तथा कोलंबिया विश्वविद्यालय की करोड़ों की स्कॉलरशिप प्राप्त करने वाली अनुकृति को वर्ल्ड इकोनॉमेट्रिक सोसाइटी का प्रथम यंग रिसर्चर अवार्ड भी प्राप्त हो चुका है। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी, बोस्टन (अमरीका) की फैलो रह चुकी अनुकृति वर्तमान में कोलंबिया यूनिवर्सिटी, न्यूयॉर्क (अमेरिका) की फैलो तथा इंस्टीट्यूट ऑफ लेबर इकोनॉमिक्स, बोन (जर्मनी) की रिसर्च एफिलिएट हैं। भारत और अमरीका के अतिरिक्त कनाडा, पेरू, पोर्टोरिको, बरमूडा, ब्रिटेन, स्पेन, जर्मनी, फ्रांस, स्वीडन, चीन, हांगकांग, सिंगापुर, केन्या और इथोपिया सहित लगभग बीस देशों की यात्रा कर चुकी हैं। अनुकृति डेवलपमेंट इकोनॉमिक्स की विशेषज्ञ हैं तथा चौदह वर्ष पूर्व, विश्वबैंक की सलाहकार रहते हुए, लैंगिक समानता, विश्व में महिलाओं की आर्थिक स्थिति, महिलाओं की अशिक्षा और पिछड़ापन, बाल-कुपोषण आदि अनेक विषयों पर कार्य कर चुकी हैंं।
उल्लेखनीय है कि डॉ एस अनुकृति एक अच्छी लेखिका भी हैं। देश-विदेश की प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में इनके लेख तो प्रकाशित होते ही रहते हैं, वर्ष 1999 में उनका एक बालकाव्य-संग्रह ‘फुलवारी के फूल’ भी प्रकाशित हो चुका है। 2018 में ‘डॉटर ऑफ महेंद्रगढ़’ नाम से बनी वीडियो फिल्म में भी इनका जीवन-परिचय शामिल किया गया था। बाल-कल्याण, महिला-सशक्तीकरण तथा पर्यावरण-संरक्षण के प्रति जागरूक डॉ अनुकृति भले ही विगत सोलह वर्षों से अमेरिका में रह रहे हैं, लेकिन उनके रोम-रोम में आज भी भारत बसा है । उन्हें अमेरिका में भारत का सांस्कृतिक दूत कहा जाए, तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।