अधिकारियों की कथनी- करनी का सच सामने आया
शहर के कतोपुर में स्थित दो ऐतिहासिक तालाबों को नगर परिषद और रेलवे ने कूड़ा घर बना दिया है जबकि इंटैक इन तालाबों के अस्तित्व को बचाने के लिए जीर्णोद्वार हेतु जिला प्रशासन एवं उच्च अधिकारियों को पत्र लिख चुकी है। इससे अधिकारियों की मानसिकता का पता चलता है कि उनके लिए प्राचीन धरोहर क्या मायने रखती हैं।
प्राचीन धरोहर को बचाने के लिए गठित इंटैक के जिला संयोजक सुधीर भार्गव हैरान है कि जिन दो तालाबों को बचाने के लिए उन्होंने जिला प्रशासन, संबंधित विभाग को पत्र लिखा था। सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन भी है जहां भी पुराने तालाब या जोहड़ है उन्हें यथावत रखने के लिए सरकार गंभीरता के साथ कदम उठाए ताकि पानी का जल स्तर नीचे जाने से थम जाए। यहां शहर में साफ सफाई के लिए अधिकारियों ने बजाए इन तालाबों की सुध लेने के उसमें कूड़ा डालना ही शुरू कर दिया। इस बारे में उन्होंने नेशनल ट्रिब्यूनल और पर्यावरण मंत्रालय को भी पत्र लिखा है। जिला उपायुक्त को भी स्थिति से अवगत कराया जा रहा है। भार्गव ने कहा कि अधिकारी सबकुछ जानते हुए ऐसा क्यों कर रहे हैं। इसकी भी जांच होनी चाहिए।