अब घर बैठे कर पाएंगे कोरोना टेस्ट, आईसीएमआर ने कोविड टेस्टिंग किट को दी मंजूरी, ऐसे होगा इस्तेमाल

कोरोना महामारी के बीच अब आप घर पर खुद से कोविड-19 टेस्ट कर सकते हैं। दरअसल, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने बुधवार रात कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि के लिए घरों में जांच के किट को मंजूरी दे दी। साथ ही इस रैपिड एंटीजन टेस्ट (रैट) किट के इस्तेमाल को लेकर एडवायजरी भी जारी की है। बता दें कि एंटीजन की रिपोर्ट जहां फौरन मिल जाती है, वहीं आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट 24 घंटे में आती है। होम बेस्ड टेस्टिंग किट से जांच में तेजी आएगी ही, साथ ही लोग घर बैठे ही कोरोना का परीक्षण कर सकते हैं।  आइसीएमआर ने जिस होम बेस्ड टेस्टिंग किट को मंजूरी दी है वह एक होम रैपिड एंटीजन टेस्टिंग (आरएटी) किट है। इसका प्रयोग कोरोना के हल्के लक्षण या संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए हुए लोग कर सकते हैं। होम बेस्ड टेस्टिंग किट से अधिक टेस्ट की सलाह नहीं दी गई है।आइसीएमआर के साथ ही डीसीजीआई ने भी होम बेस्ड टेस्टिंग किट की बाजार में बिक्री की मंजूरी दे दी है। हालांकि, यह टेस्टिंग किट तुरंत बाजार में उपलब्ध नहीं होगी, इसे व्यापक रूप से उपलब्ध होने में कुछ वक्त लगेगा।

मोबाइल ऐप से मिलेगा मार्गदर्शन

फिलहाल भारत में केवल एक कंपनी को इसकी मंजूरी दी गई है, जिसका नाम मायलैब डिस्कवरी सॉल्यूशंस लिमिटेड है। इस टेस्ट किट के इस्तेमाल को लेकर मोबाइल ऐप के जरिए मार्गदर्शन लिया जा सकता है। होम टेस्टिंग मोबाइल ऐप गूगल प्ले स्टोर और एपल स्टोर में उपलब्ध है। इसे सभी यूजर्स डाउनलोड कर सकते हैं। मोबाइल ऐप टेस्टिंग प्रक्रिया का एक व्यापक मार्गदर्शक है, जो पॉजिटिव या निगेटिव रिजल्ट प्रदान करेगा। इस ऐप का नाम माईलैब कोविससेल्फ नाम है।

इन दिशानिर्देशों का करें पालन

आइसीएमआर ने अंधाधुंध रैपिड एंटीजेन टेस्ट (आरएटी) जांच नहीं करने की सलाह दी। संगठन ने कहा कि लैब से जिन लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई हो, उनके निकट संपर्क में आने वाले लोगों और जिनमें संक्रमण के लक्षण दिखाई दे रहे हों, केवल उन्हीं लोगों की रैपिड किट से जांच की जानी चाहिए।आइसीएमआर ने कहा कि रैपिड एंटीजेन टेस्ट में पॉजिटिव पाए जाने वाले लोगों की दोबारा जांच कराने की आवश्यकता नहीं है। ऐसे लोगों को संक्रमित ही माना जाएगा। मगर रैपिड टेस्ट में जिनकी रिपोर्ट निगेटिव आती हो, उन्हें तत्काल आरटी-पीसीआर जांच करानी चाहिए।यह इसलिए आवश्यक है क्योंकि हल्का संक्रमण होने पर भी रैपिड टेस्ट में रिपोर्ट निगेटिव आ सकती है। ऐसे लोगों को संक्रमितों की संदिग्ध लिस्ट में रखा जा सकता है। ऐसे लोगों को कोरोना से बचाव के नियमों का पालन करने और घरों में ही रहने की सलाह दी जाती है।

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