अलर्ट रहे माता पिता : एक प्राइेवट स्कूल की हरकतों का कमाल देखिए

एक करोड की स्कालरशिप का विज्ञापन, दिया कुछ नही


 रणघोष अपडेट. रेवाड़ी

31 दिसंबर 2023 को रेवाड़ी भास्कर में दिल्ली रोड स्थित के पास एक प्राइवेट स्कूल ने स्कालरशिप एडमिशन टेस्ट के नाम से एक बड़ा विज्ञापन जारी किया था। जिसमें एक करोड़ रुपए की राशि इस टेस्ट में मैरिट लेने वाले बच्चो को दी जानी थी। हकीकत यह थी यह पूरा खेल ही बच्चो को किसी तरह अपने स्कूल में बुलाकर दाखिला करना था। दो तीन चरणों में टेस्ट हुआ लेकिन राशि के नाम पर बच्चो को कुछ नही मिला। 

स्कूल का नाम जानबूझकर इसलिए नही दे रहे क्योंकि अमूमन कुछ नामी स्कूलों को छोड़कर हरेक स्कूल ऐसा कर रहे हैं। इसलिए एक स्कूल को टारगेट करना हमारा लक्ष्य नही है। जितनी पुख्ता जानकारी प्राप्त हो रही है उसे आधिकारिक तौर पर पुष्ट करने के बाद जारी कर रहे हैं। इस स्कूल की शिकायत भी इसी स्कूल के शिक्षक ने गुप्त तौर पर की है। जिसमें बताया गया है की यहा पढ़ाई के नाम पर बच्चो से सीधे खिलवाड हो रहा है। जिस नाम से स्कूल को प्रचारित किया  जा रहा है। स्कूल की मान्यता किसी ओर नाम से है। इतना ही नही बच्चो की फीस स्कूल प्रबंधन के खाते में जाने की बजाय निजी खातों में डाली जा रही है। जो सीधे तोर पर टैक्स चोरी और 420 में आता है। बहुत कुछ ऐसा गोलमाल किया जा रहा है जो सीधे तौर पर बच्चो के भविष्य से सीधा खिलवाड़ है। माता पिता को चाहिए कि वे फीस जमा कराते समय राशि को सीधे स्कूल प्रबंधन के खाते में जमा कराए ताकि वे ठगीबाजी से बच जाए। स्कूल की मान्यता को भी जांच ले। साथ ही स्कालरशिप को लेकर जो दावा किया गया था उसमें कितनी सच्चाई थी उसका भी अपने स्तर पर पता लगाए ताकि वे समाचार पत्रों की आड लेकर प्रकाशित किए जाने वाले विज्ञापनों के भ्रमजाल से बच जाए।

यहा बता दे की यह स्कूल कुछ शिक्षकों ने लीज पर लिया है जिसकी समय सीमा खत्म हो चुकी है। सबकुछ एक दूसरे के मुड पर चल रहा है। शिकायत में बताया है की संबंध बिगडते ही स्कूल में सैकड़ों बच्चो का भविष्य दाव पर लग जाएगा। ये शिक्षक अपना कोचिंग सेंटर भी चलाते हैं जिसमें बच्चो की हाजिरी स्कूल में लगती है और पढ़ाई सेंटर पर होती है। यानि एक बच्चा एक ही समय में दो जगह उपस्थित दिखाया जा रहा है। सोचिए यह बच्चो को किस स्तर की शिक्षा दी जा रही है।  योग गुरु बाबा रामदेव इन्ही भ्रामक विज्ञापनों की वजह से सुप्रीम कोर्ट के सामने सार्वजनिक तौर पर माफी मांग रहे हैं। कुछ अधिवक्ता भी अब स्कूलों के झूठे और गुमराह करने वाले विज्ञापनों के प्रमाण जुटाकर सीधे हाई कोर्ट में जाने की तैयारी कर चुके हैं ताकि हजारों लाखों बच्चो को गुमराह होने से बचा सके। उधर शिक्षा विभाग के लिए इस तरह की शिकायतें शिकार करने की तरह होती है। इसलिए कार्रवाई के नाम पर ले देकर उसका निपटान कर दिया जाता है। फरीदाबाद में  इस तरह के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं। रेवाड़ी और महेंद्रगढ़ पर भी कनीना घटना के बाद हरियाणा विजिलेंस  की पैनी नजर है। एक अधिकारी ने बताया की  चुनाव आचार सहिंता की वजह से अधिकारी सोच समझकर चल रहे हैं। इसके बाद हरियाणा सरकार जल्द ही बड़ा कदम उठाने जा रही है।