उत्तर प्रदेश में गायों के लिए शुरू होगी एंबुलेंस सेवा

उत्तर प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य बनने जा रहा है, जहां गायों के लिए एंबुलेंस सेवा शुरू होगी। यह सेवा उन गायों के लिए होगी जो बीमार हैं। राज्य के डेयरी विकास मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने रविवार को यह बात कही। चौधरी ने कहा कि इस काम के लिए 515 एंबुलेंस बनकर तैयार हो चुकी हैं। मंत्री ने मथुरा में पत्रकारों को बताया कि बीमार गायों के बारे में जानकारी देने के लिए आपातकालीन नंबर 112 जारी किया गया है। मंत्री ने कहा, “एंबुलेंस में एक पशु चिकित्सक और दो सहयोगी भी रहेंगे और किसी बीमार गाय के बारे में सूचना मिलने के 15 से 20 मिनट के अंदर एंबुलेंस मौक़े पर पहुंच जाएगी।” उन्होंने बताया कि इस योजना को दिसंबर में शुरू कर दिया जाएगा और इसके लिए लखनऊ में एक कॉल सेंटर भी बनाया जा रहा है। चौधरी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब सरकार की ओर से गोशालाओं के लिए पैसा दिया गया और यह योगी सरकार ने किया। 2019 में उत्तर प्रदेश सरकार ने आवारा गायों की देखभाल के लिए आश्रय स्थल बनाने, उनके चारे-पानी के लिए शराब की बिक्री पर 0.5 फ़ीसदी अतिरिक्त ‘सेस’ लगाया था। इसके अलावा गायों के लिए आश्रयस्थल बनाने और उनकी देखभाल के लिए नगर निगमों को पैसे दिए गए थे। प्रदेश सरकार ने गांवों, स्थानीय निकायों में गौशालाएं बनाने के लिए भी फंड जारी किया था।

बीजेपी नेताओं के बयान

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में कहा है कि गाय, गाय के गोबर और गोमूत्र के बल पर कोई व्यक्ति अपनी आर्थिक हालत सुधार सकता है और देश की अर्थव्यवस्था को भी ठीक किया जा  सकता है। इससे पहले बीजेपी की ही सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने कहा था कि वह गोमूत्र अर्क लेती हैं, इसलिए उन्हें कोरोना नहीं हुआ। याद दिला दें कि मोदी सरकार ने 2019 के अंतरिम बजट में गायों के लिए अलग से बजट की व्यवस्था की थी। अंतरिम बजट पेश करते  हुए तत्कालीन कार्यकारी वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने कई बड़े वादे किए थे।उन्होंने गायों के लिए अलग आयोग बनाने और कामधेनु योजना की घोषणा की थी। बजट भाषण में गोयल ने कहा था, ‘गौमाता के सम्मान में और गौमाता के लिए यह सरकार कभी पीछे नहीं हटेगी। जो ज़रूरत होगी, वह काम करेगी।’

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