ओमिक्रॉन सब-वेरिएंट JN.1 की पहचान, लेकिन खतरे की बात नहींः डब्ल्यूएचओ

रणघोष अपडेट. विश्वभर से 

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि “उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर जेएन.1 को अभी कम खतरा माना गया है।” JN.1 को पहले इसके मूल परिवार BA.2.86 के एक भाग के रूप में वर्गीकृत किया गया था।भारत में भी नए वायरस जेएन 1 से अछूता नहीं है। केरल में 79 साल की महिला के केस में इसकी पहचान हुई है। केरल के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने स्वास्थ्य सुविधाओं और अस्पतालों को तैयारियों के लिए सचेत किया। कर्नाटक में वरिष्ठ नागरिकों को मास्क पहनने की सलाह दी गई है। यूएन की इस एजेंसी ने कहा कि मौजूदा टीके जेएन.1 और कोविड ​​​​-19 वायरस के अन्य वेरिएंट से होने वाली गंभीर बीमारी और मृत्यु से रक्षा करते हैं। यानी कोविड 19 के बाद जो वैक्सीन लगी थी, वो इस नए वायरस जेएन 1 से लड़ने में सक्षम है।यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि एजेंसी के नवीनतम अनुमानों के अनुसार, 8 दिसंबर तक अमेरिका में सबवेरिएंट जेएन.1 अनुमानित 15% से 29% मामलों का कारण बना है।इसकी रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्तमान में इस बात का कोई सबूत नहीं है कि JN.1 अन्य वेरिएंट की तुलना में सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए एक बड़ा जोखिम है। अमेरिकी इस वेरिएंट से सुरक्षित हैं।सीडीसी के अनुसार, जेएन.1 का पहली बार सितंबर में अमेरिका में पता चला था। पिछले हफ्ते, चीन ने COVID सबवेरिएंट के सात इनफेक्शन का पता लगाया था। चीन में कुछ स्कूल के बच्चों को हाल ही में इनफुलेन्जा से पीड़ित होने पर अस्पतालों में दाखिल कराया गया था। केरल में जुकाम, बुखार, सिरदर्द से मिलते-जुलते लक्षणों के मरीजों के बढ़ने पर चेतावनी जारी की गई है।

JN.1 वैरिएंट के लक्षण

पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली के गंगा राम अस्पताल में चेस्ट मेडिसिन के वरिष्ठ सलाहकार, डॉ. उज्ज्वल प्रकाश ने बताया कि जेएन.1, विश्व स्तर पर देखे गए अन्य वेरिएंट और उप-वेरिएंट के समान, एक हल्का वेरिएंट है जो सांस नली में दिक्कत पैदा करता है। JN.1 वैरिएंट के लक्षणों में हल्का बुखार, खांसी, नाक जकड़ना, गले में खराश, नाक बहना, चेहरे के भीतर दर्द या दबाव, सिरदर्द और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं शामिल हैं।

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