कप्तान साहब जिसे आप राव के गुर्गे बता रहे हो एक समय में आपके समर्थक थे, मत भूलिए अवैध प्लाटिंग में सभी निवस्त्र है

रणघोष खास. सुभाष चौधरी


पूर्व मंत्री कप्तान अजय सिंह यादव जब भी भ्रष्टाचार को लेकर भाजपा सरकार एवं खासतौर से केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह पर उंगली उठाते हैं, चार उंगलियां उनकी तरफ उठ जाती है। बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में कप्तान ने कहा कि राव इंद्रजीत सिंह के गुर्गे शहर के चारों तरफ अवैध प्लाटिंग कर रहे हैं। कोई पूछने वाला नहीं है। उन्होंने जगहों के नाम भी बताए। कप्तान यह भूल गए कि वे जिस गुर्गों की तरफ इशारा कर रहे थे वे एक समय में उनके साथ समर्थक थे और उस समय भी वे प्लाटिंग किया करते थे। चूंकि वे मौका देखकर पार्टी बदल गए तो कप्तान को यही समर्थक अब गुर्गें नजर आने लगे। सबसे बड़ी बात कप्तान ने कहा कि राव के गुर्गें गढ़ी बोलनी रोड, महेंद्रगढ़ रोड, नारनौल रोड, दिल्ली रोड, बेरली रोड पर जमकर प्लाट काट कर बेच रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि इन स्थानों पर यह काम करने वालों में  राव के कम कप्तान के समर्थक ज्यादा है। इतना ही नहीं जब कप्तान हुडडा सरकार में 10 साल मंत्री रहे उस समय भी जबरदस्त ढंग से अवैध प्लाटिंग होती रही है। उसमें इंदिरा गांधी मीरपुर यूनिवर्सिटी, फदनी, रोजका, धारूहेड़ा में  खुलकर प्लाट काटे जा रहे हैं। दरअसल राजनीति में नेताओं की खास बात यह है कि जब वे सत्ता में  होते हैं तो उनके आदेश ही कानून व नियम होते हैं। सत्ताधारी नेताओं का वसूल बन जाता है कि जो उनके हिसाब से चलेगा वह ईमानदार नहीं तो उसे बेईमान व चोर साबित कर दिया जाएगा। जब यही नेता विपक्ष में आते हैं तो बने वास्तविक नियम, कानून व पैदा हुईं ईमानदारी हिलोरे मारने लगती है। अपनी बेबाक बयानबाजी से सुर्खियां बटोरने वाले कप्तान नगर परिषद में भ्रष्टाचार को लेकर जबरदस्त हमला करते आ रहे हैं लेकिन वे भूल गए कि उनके समय में भी यहीं नगर परिषद भ्रष्टाचार की कोठरी बन चुकी थी। उनके समय में बने नप प्रधान दूध के धुले नहीं थे। कई करोड़ों के घोटाले उजागर हुए और दफन हो गए। खूद कप्तान अपने समर्थकों के बीच कहने में नहीं चूकते थे कि एक टायर पंचर लगाने वाला आज बेहिसाब संपत्ति का मालिक है। ऐसा नहीं है कि कप्तान जब सत्ता में थे उस समय उनके प्रभाव का इस्तेमाल करके बहुत से उनके समर्थक आज करोड़ों के मालिक बनकर अब उनके प्रखर विरोधी बन चुके हैं। यही तकलीफ कप्तान को इस तरह के बयान देने के लिए मजबूर करती है। रणघोष के पास ऐसे अवैध प्लाटिंग करने वालों की सूची है जो साफ जाहिर करती है कि जिनकी हैसियत घर की मरम्मत करने की नहीं थी कि वे पूरी अवैध कालोनी बसाकर बेहिसाब संपत्ति के मालिक बन चुके हैं। इसमें कप्तान समर्थकों के नाम ज्यादा है जो सार्वजनिक तौर पर प्लाटिंग करते हुए नजर आ जाएंगे। चूंकि इसे जिला प्रशासन ही अपनी कार्रवाई से साबित कर सकता है। इतना जरूर है कि प्रोपर्टी का कारोबार करने वालों में अधिकांश नेता के फाइनेंसर के तौर पर काम करते हैं ताकि प्रशासनिक तौर पर आने वाले चुनौतियों को निपटने में उन्हें ज्यादा परेशानी नहीं आए।  कुल मिलाकर कप्तान अवैध प्लाटिंग करने वालों को राव का गुर्गा बताकर खुद अपने बयान में ज्यादा फंस गए हैं।

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