कांग्रेस का हमला : पीएम मोदी के वंदे भारत लॉन्च इवेंट्स पर रेलवे के कई करोड़ खर्च

रणघोष अपडेट. देशभर से

क्या प्रधानमंत्री की छवि चमकाने में सरकारी विज्ञापनों के मद का पैसा अकेले पीएम मोदी की छवि पर खर्च किया जा रहा है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने आज ट्वीट किए दस्तावेजों के जरिए यह गंभीर आरोप लगाया है। दूसरी तरफ टाइम्स ऑफ इंडिया की एक खबर में कहा गया है कि रेलवे ने वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी के लिए पीएम मोदी के इवेंट पर ढाई करोड़ से ज्यादा पैसे खर्च कर डाले। टीआईआई की यह रिपोर्ट एक आरटीआई पर आधारित है। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय रेलवे से सूचना के अधिकार (आरटीआई) से पता चला है कि वंदे भारत ट्रेनों का प्रचार एक महंगा सौदा साबित हुआ है। आंकड़ों के अनुसार, अकेले दक्षिणी रेलवे ने क्षेत्र में वंदे भारत ट्रेनों के लिए दो लॉन्च कार्यक्रम आयोजित करने के लिए कुल 2 करोड़ 62 लाख 60 हजार 367 (2,62,60,362) रुपये खर्च किए। विशेष रूप से, इन आयोजनों में 8 अप्रैल को चेन्नई-कोयंबटूर वंदे भारत और 25 अप्रैल को तिरुवनंतपुरम-कासरगोड वंदे भारत शामिल थीं।

कितना महंगा सौदा है?

आरटीआई कार्यकर्ता अजय बोस द्वारा दायर आरटीआई आवेदनों के जवाब में दक्षिणी रेलवे द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, रेलवे ने चेन्नई में आयोजित वंदे भारत एक्सप्रेस लॉन्च कार्यक्रम के लिए कुल 1,14,42,108 रुपये खर्च किए, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरी झंडी दिखाई थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस राशि में से 1,05,03,624 रुपये का भुगतान इवेंट मैनेजमेंट के लिए नियुक्त एजेंसी इवोक मीडिया को किया गया।इसके अलावा, दक्षिणी रेलवे के तिरुवनंतपुरम डिवीजन ने तिरुवनंतपुरम-कासरगोड वंदे भारत के लिए तिरुवनंतपुरम में पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा आयोजित लॉन्च कार्यक्रम को संभालने के लिए मैत्री एडवरटाइजिंग वर्क्स लिमिटेड नामक एक इवेंट मैनेजमेंट फर्म की सेवाएं लेने के लिए 1,48,18,259 रुपये खर्च किए।अजय बोस ने कहा कि चेन्नई-बेंगलुरु-मैसूरु वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाने में आई लागत के बारे में जानकारी मांगने के लिए दायर आरटीआई के संबंध में उन्हें अभी तक रेलवे से कोई जवाब नहीं मिला है। पीएम लगभग हर वंदे भारत के लॉन्च इवेंट में पहुंचे हैं। अगर सारे इवेंट के पैसे को जोड़ दिया जाए तो टैक्सपेयर्स के पैसे किस तरह लुटाए गए हैं, उसका पता चल सकेगा। बोस ने कहा कि “प्राप्त जानकारी से पता चलता है कि पीएम मोदी के इन लॉन्च कार्यक्रमों पर काफी पैसा खर्च किया गया है। इसके बजाय, इस पैसे का इस्तेमाल ट्रेनों में सुरक्षा उपायों को बढ़ाने के लिए किया जा सकता था। यह ध्यान देने योग्य है कि रेलवे के पास अपना जनसंपर्क विभाग होने के बावजूद बाहरी एजेंसियों को काम पर रखा गया था।” इन लॉन्च कार्यक्रमों पर किए गए खर्च ने आरटीआई कार्यकर्ताओं और पर्यवेक्षकों के बीच चिंताएं बढ़ा दी हैं जो संसाधनों के आवंटन पर सवाल उठाते हैं। उनका तर्क है कि ऐसे भव्य आयोजनों के लिए उपयोग की जाने वाली धनराशि का उपयोग भारतीय रेलवे प्रणाली में सुरक्षा उपायों को बेहतर बनाने के लिए अधिक प्रभावी ढंग से किया जा सकता था, जो वर्षों से विभिन्न मुद्दों से ग्रस्त है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *