किसानों का अब भारत बंद, क्या खुलेगा और किस पर रहेगी रोक; जानें हर डिटेल

किसान आंदोलन के चलते हरियाणा और पंजाब की सीमा पर संग्राम मचा हुआ है। किसान आंदोलनकारियों ने यहां डेरा डाल रखा है और दिल्ली जाने की कोशिश में हैं। वहीं हरियाणा पुलिस उन्हें वहीं पर रोकने में जुटी है। आज तो किसानों ने पंजाब में कई जगहों पर रेल रोको अभियान भी शुरू कर दिया है। यही नहीं अब शुक्रवार को संयुक्त किसान मोर्चा और कई मजदूर यूनियनों ने ग्रामीण भारत बंद का आह्वान भी किया है। किसानों की MSP पर गारंटी की मांग को लेकर दबाव बढ़ाने के लिए यह फैसला लिया गया है। संयुक्त किसान मोर्चा ने अपनी अपील में अन्य तमाम किसान संगठनों से भी साथ आने की अपील की है।

संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं का कहना है कि यह भारत बंद सुबह 6 बजे से शुरू हो जाएगा और शाम 4 बजे तक चलेगा। किसानों का कहना है कि इस दौरान ग्रामीण इलाकों में परिवहन, कृषि गतिविधियां, मनरेगा के तहत काम, निजी दफ्तर, गांवों की दुकानें बंद रहेंगी। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में औद्योगिक गतिविधियों को भी बंद रखा जाएगा। हालांकि इस ग्रामीण भारत बंद से एंबुलेंस के संचालन, अखबार वितरण, शादी, मेडिकल दुकानें और परीक्षा देने जा रहे छात्र प्रभावित नहीं होंगे। उन्हें रोका नहीं जाएगा।

क्या यह दिल्ली चलो मार्च से अलग है?

दिल्ली चलो मार्च पंजाब के करीब 50 किसान संगठनों का नारा है। वे MSP पर ही फसल खरीदने की कानूनी गारंटी चाहते हैं। इसके लिए इन संगठनों ने दिल्ली कूच किया है, लेकिन उन्हें हरियाणा और पंजाब से लगती सीमाओं पर रोक दिया गया है। इन किसान आंदोलनकारियों का सबसे बड़ा जमावड़ा शंभू बॉर्डर पर है। फिलहाल किसानों से सरकार आज तीसरे दौर की वार्ता करने जा रही है। यह मीटिंग शाम को 5 बजे से चंडीगढ़ में हैं। यदि इस मीटिंग में किसानों और सरकार के बीच सहमति बन जाती है तो फिर वे वापस लौट जाएंगे। वरना दिल्ली कूच का ऐलान फिर से हो सकता है।

MSP पर गारंटी के अलावा और क्या चाहते हैं किसान

किसान संगठनों ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मांग की है कि MSP पर फसल खरीद की कानूनी गारंटी मिले। इसके अलावा किसानों के कर्ज माफ किए जाएं। 300 यूनिट तक बिजली फ्री दी जाए। फसल बीमा की बेहतर योजना बने एवं किसानों को 10 हजार रुपये महीने तक की पेंशन दी जाए। गौरतलब है कि सरकार का कहना है कि 24 फसलों पर पहले ही MSP में दोगुने तक का इजाफा हो चुका है। लेकिन उस पर पूरी फसल खरीदने की गारंटी नहीं दी जा सकती। इससे बाजार पर बुरा असर होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *