किसानों ने बिगाड़ा विपक्ष का खेल, भारतीय किसान संघ का दावा

कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के भारत बंद को लेकर आरएसएस से जुड़े भारतीय किसान संघ ने कहा है कि किसानों ने विपक्षी दलों की राजनीति को बेनकाब कर दिया है। संघ ने कहा कि इन दलों के लिए किसान तो बहाना था, परन्तु वोट पर निशाना था। इनकी भड़काऊ साजिश की हवा देश भर के किसानों ने निकाल दी। देश का किसान शांत रहा और इससे विपक्ष अशांत हो गया। सियासत चमकाने वालों को देश के किसानों ने जवाब दे दिया है। आंदोलन को उग्र बनाने का प्रयास विफल रहा। भारतीय किसान संघ ने बयान जारी कर कहा, पिछले 13 दिनों से किसान आंदोलन के चलते कुछ विपक्षी दलों ने सरकार एवं किसान नेताओं के मध्य चल रही समझौता वार्ता को अवरूद्ध किया । वार्ता के बीच में ही पूर्व योजनानुसार 8 दिसम्बर का भारत बंद घोषित करवाते हुए आंदोलन को ‘हाईजेक करने का प्रयास किया गया । फिर भारत बंद की सियासी लहर में लगभग सभी विपक्षी दलों ने डुबकी लगाने का महापाप किया।

यद्यपि अभी तक यह आंदोलन अनुशासित चला है, परंतु तेजी से बदले घटनाक्रमों को ध्यान में रखते हुए यह आशंका दृढ़ होती जा रही है कि विदेशी ताकतें, राष्ट्रद्रोही तत्व एवं राजनैतिक दलों की भड़काऊ हरकतें इसे अराजकता की ओर मोड़ देने में प्रयासरत रही है जो वार्ता की मेज पर तीनों बिलों की वापसी की जिद्व पर अड़े रहने के लिए भरमाया गया तो आंदोलन विफल और राजनैतिक दल सफल हो सकते हैं। संघ ने कहा कि सारे विपक्षी दल, किसानों को ही नहीं, संपूर्ण देश को दल-दल में धकेल देना चाहते थे। परन्तु किसान को गुमराह नहीं किया जा सका और देशभर के किसानों की हमदर्दी अर्जित करने का जो नाटक रचा गया, वह विफल हो गया।

देश के किसान वर्ग को साधुवाद जिसने सिद्ध कर दिया राष्ट्र का हित ही किसान हित है।भारतीय किसान संघ ने स्वयं को इन चालबाजों के षडयंत्र से अलग रखा और घोषणा की, कि सियासी ठेकेदारों, गरीब किसान को तो बख्शो। लेकिन अब बारी सरकार की हैं, किसानों के आंदोलन के सुखांत समापन के लिए गंभरतापूर्वक, कुछ बड़प्पन दिखाते हुए, इन बिलों मे उचित सुधार या चतुर्थ बिल में सभी समाधानों को स्वीकार करें। देश का किसान आशा लगाकर इंतजार कर रहा है कि न्यूजतम समर्थन मूल्य पर मोदी जी निराश नहीं करेगें।

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