रणघोष अपडेट. मुंबई से
बॉम्बे हाई कोर्ट ने केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता नारायण राणे के बंगले में हुए अवैध निर्माण पर बड़ा आदेश देते हुए 2 हफ्ते में इसे तोड़ने का आदेश बीएमसी को दिया है। हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने नारायण राणे पर 10 लाख का जुर्माना भी लगाया है। हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि बंगले के अवैध निर्माण से जो मलबा गिरेगा उसको उठाने का ख़र्च भी राणे परिवार को ही देना होगा। हालाँकि इस आदेश के ख़िलाफ़ राणे सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं।नारायण राणे और उनके बेटे नितेश राणे लगातार विवादों में बने रहते हैं। अब फिर से वह चर्चा में आ गए हैं। हाईकोर्ट ने नारायण राणे की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने अपने बंगले में किए गए अवैध कार्य को वैध करने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। नारायण राणे के बेटे नितेश राणे का कहना है कि आदेश की कॉपी मिलने के बाद फ़ैसले को सुप्रीम कोर्ट में किस तरह से चुनौती दी जाएगी इस पर फ़ैसला लिया जाएगा।जस्टिस आरडी धनुका और जस्टिस कमल खाता की बेंच ने 10 लाख रुपये जुर्माने की रक़म को महाराष्ट्र स्टेट लीगल सर्विस अथॉरिटी में जमा कराने का निर्देश दिया। बीएमसी ने हाईकोर्ट से लगातार दूसरी बार राणे की उस याचिका पर पुनर्विचार करने के लिए कहा था जिसमें राणे ने अवैध निर्माण को वैध करने के लिए बीएमसी से इजाजत मांगी थी और बीएमसी ने इसकी जानकारी हाईकोर्ट को दी थी। हाईकोर्ट की डबल बेंच ने अपने आदेश में कहा कि बीएमसी को सुप्रीम कोर्ट के फैसले और कानून के प्रावधानों के विपरीत कदम उठाने की इजाजत नहीं दी जा सकती है। इससे समाज में अवैध निर्माण का बढ़ावा मिलेगा। इसलिए इस प्रथा को यहीं पर रोकना बहुत ज़रूरी है। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में आगे कहा कि याचिकाकर्ता ने 3 गुना ज्यादा अवैध निर्माण किया है इसलिए इसको क़तई भी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।बता दें कि महाराष्ट्र में जब महा विकास आघाडी की सरकार थी और केंद्रीय मंत्री नारायण राणे एवं उनके दोनों बेटे विधायक नितेश राणे और पूर्व सांसद निलेश राणे जब जब महा विकास आघाडी सरकार पर निशाना साधते थे तो सरकार कभी नारायण राणे को गिरफ्तार कर लेती थी तो कभी नितेश राणे के पुराने मामले को खोलकर दबाव बनाने की कोशिश कर रही थी। महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन से कुछ दिनों पहले ही बीएमसी ने नारायण राणे को बंगले में किए गए अवैध निर्माण का नोटिस दिया था। इसके बाद बीएमसी ने जांच पड़ताल करके पाया था कि नारायण राणे ने अपने बंगले में बहुत से अवैध निर्माण किए हुए हैं। इनको तोड़ने के लिए बीएमसी ने नारायण राणे को नोटिस भेजा था।