कैनाल वैली पब्लिक स्कूल बेरली खुर्द की कक्षा 8 वीं छात्रा ईशानी राव की यह कविता आपके जीवन को बदल देगी

 मैने पापा को दिन रात एक कर के अपने परिवार को संभालते देखा है


रणघोष खास. ईशानी राव की कलम से


मेरे पापा,

IMG-20210121-WA0026मंजिल दूर है और सफर बहुत है छोटी सी जिंदगी की फिक्र बहुत है

मार डालती यह दुनिया कब की हमें लेकिन पापा के प्यार का असर बहुत है!!!!’

इस दुनिया में मैंने एक सहारे को देखा है

इस भागती हुई भीड़ में मैंने अपने पापा को देखा है

दिन रात एक कर के अपने परिवार को संभालते देखा है

मेरे भाई को अपने हाथों से खाना खिलाते हुए देखा है

इन टूटते हुए घरों के बीच मैंने अपने परिवार की बुनियाद को देखा है।।

हर बार बाजार से अपने लिए खिलौना लाते हुए देखा है

ना कहे हर मांग को पूरी करते हुए देखा है

मैंने अपने पापा को कभी ना करते नहीं देखा है।।

दोनों बहन भाई के ऊपर गुस्सा करते हुए भी देखा है

पर बाद में आंसुओं को पोंछते हुए भी देखा है

मैंने अपने संवेदनशील पापा को भी देखा है।।

रोज सुबह मुझे स्कूल छोड़ने जाते हुए देखा है

मुझे खुश करने के लिए बाद में मुझे लेने आते हुए भी देखा है

मैंने सबकी परवाह करने वाले पापा को देखा है।।

हर बार मेरी पढ़ाई में मदद करते हुए देखा है

कभी किसी के आगे हाथ फैलाते हुए नहीं देखा है

मैंने अपने ऊंचे आत्मसम्मान वाले पापा को देखा है।।

महंगी से महंगी चीज को भी खरीदते हुए देखा है

पर खुद 4 साल पुराना जूता पहनते हुए देखा है

मैंने अपनी संतोषी पिता को भी देखा है।।

मेरे पापा हरियाणवी कलाकारों के बहुत बड़े फैन हैं।

एक तरफ रामेरमेला के गाने सुनते देखा है

कभीकभी जगबीर राठी के गाने गुनगुनाते देखा है

मैंने अपनी कला से प्रेम करने वाले पापा को भी देखा है।।

मेरी हर तकलीफ पर मरहम लगाते हुए देखा है

खुद अनेकों बार घोर पीड़ा का एहसास करते देखा है

मैंने अपने दयावान पापा को भी देखा है।।

लव यू पापा


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