कोचिंग सेंटरों के खेल से अपने बच्चो का भविष्य बचाए अभिभावक

रेवाड़ी शहर में शिक्षा के नाम पर माफिया, सेक्टर चार निशाने पर


बच्चे पढ़ रहे कोचिंग सेंटरों में, हाजिरी लग रही प्राइवेट स्कूलों , कोई रिकार्ड नही


रणघोष अपडेट. रेवाड़ी

लगता है शिक्षा का स्तर पूरी तरह से शिक्षा माफियाओं एवं बाजार की दलदल में धंस चुका है। रेवाड़ी शहर में जगह जगह खुले कोचिंग सेंटरों के कुछ मामले सामने आ रहे हैं। जिस पर जिला प्रशासन,  शिक्षा विभाग, हरियाणा सरकार और हरियाणा विजिलेंस ने तुरंत संज्ञान नही लिया तो शिक्षा जगत में एक ओर बड़ा दाग लग जाएगा। हरियाणा प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन, शहर के सेक्टरों को संचालित कर रही आरडब्लयूए और शिक्षा विभाग के अधिकारियों की जुटाई जानकारी के मुताबिक रेवाड़ी शहर में पिछले कुछ सालों से कोचिंग सेंटर के नाम पर शिक्षा का माफिया चारों तरफ फैल चुका है। इन सेंटरों पर किसी भी समय छापेमार कार्रवाई की जाए तो हैरान करने वाले मामले सामने आएगे। प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन तो लिखित में डीसी से लेकर शिक्षा विभाग को कई बार अवगत करा चुकी है लेकिन कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं हुआ।  मसलन जो बच्चा इन सेंटरों पर पढ़ता हुआ नजर आएगा वह उसी समय कागजों में किसी प्राइवेट स्कूल में पढ़ता हुआ कागजों में दिखाया जाएगा। यानि अगर किसी सेंटर पर किसी बच्चे के साथ कोई अप्रिय घटना हो गई तो वह कागजों में किसी स्कूल में मिलेगा। आधिकारिक तौर पर सेंटर कही नजर नही आएगा। यह सीधे तोर पर बच्चो के भविष्य और जिंदगी के साथ सबसे बड़ा खेल है जिसमें सबसे ज्यादा वे लालची और मतलबी माता पिता जिम्मेदार है जो अपने बच्चो को बेहतर इंसान बनाने की बजाय बाजारू प्रोडेक्ट बनाने के इरादे से उसकी जिंदगी से खेल रहे है। उसे पता है की बच्चा स्कूल में पढ़ने के नाम पर कोचिंग सेंटर में पढ़ रहा है ऐसे में उसे स्कूल का माहौल नहीं मिलने पर उसका सर्वागिण विकास कैसे होगा।

अमूमन कक्षा पांचवी से 12 वीं तक के बच्चे इन सेंटरों पर मिल जाएंगे। कुछ सेंटरों ने तो बच्चो के लिए हॉस्टल तक की व्यवस्था की हुई है। सोचिए शिक्षा की बुनियाद ही बच्चो के असल दाखिले की मौजूदगी की झूठ पर रखी जा रही है और उन्हें देश का भविष्य बताया जा रहा है। रेवाड़ी शहर के सेक्टर चार में तो कुछ शिक्षकों ने यह खेल खुलेआम चलाया हुआ है। वे बहुत ही चालाकी से बच्चो के माता पिता को नीट- जेईई, एनडीए समेत अनेक राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा में क्वालीफाई कराने की गारंटी देकर अपने कोचिंग सेंटर पर पढ़ाते हैं और उसका दाखिला प्राइवेट स्कूल में कागजों में दिखाते है। इसे माता पिता की नादानी कहे या नासमझी। वे कोचिंग सेंटरों पर पढ़ाने वाले बाजारू गुरुजनों से बच्चो के दाखिला को लेकर कोई रिकार्ड तक नहीं मांगते बस आंख बंद भरोसा कर निश्चिंत हो जाते हैं। एक कोचिंग सेंटर की तो यह हालत है की उसके बच्चे ही किसी भी स्कूल में नामांकित नही है। बस झूठे आश्वासन पर पैसो की हवस में सारा खेल खेला जा रहा है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों के पास सबसे ज्यादा शिकायतें सेक्टर चार के कोचिंग सेंटर एवं  दिल्ली रोड  पर चल रहे प्राइवेट स्कूलों की ज्यादा आ रही है। जिसमें बताया गया है की प्राइवेट स्कूल एवं कोचिंग सेंटरों के रिकार्ड में शिक्षक एक ही है। बच्चो की नामाकंन संख्या रिकार्ड में कुछ और वास्तविकता में कुछ अलग ही नजर आएगी।

आरडब्लयूए की मदद से तैयार होगा रिकार्ड

शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन  जल्द ही शहर के सेक्टरों की जिम्मेदारी संभाल रही आरडब्ल्यूए की भी कोचिंग सेंटरों के खेल को खत्म करने में मदद लेगी। वे आरडब्लयू से ऐसे सेंटरों की सूची लेगी जो आवासीय घरों में चल रहे हैं जो सीधे तौर पर  हुडडा के नियमों के खिलाफ है। कुछ माह पहले सेक्टर चार में ऐसा ही एक मामला सामने आया था जिसमें नागरिकों ने कोचिंग सेंटर की गतिविधियों से परेशान होकर विरोध शुरू कर दिया था और उसे बाद में बंद करके जाना पड़ा था। सेक्टर चार आरडब्ल्यूए के प्रधान सुरेंद्र यादव ने माना की कोचिंग सेंटरों की शिकायतें आ रही हैं। हम जल्द ही उन मकान मालिकों को लिखित में अवगत कराएंगे की वे अपने घरों चला रहे कोचिंग सेंटरों की जवाबदेही तय करे। अगर वे नियमानुसार चल रहे हैं तो उसका रिकार्ड रखे नहीं तो आरडब्यूए अपनी जिम्मेदारी समझते हुए जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग को इसकी रिपोर्ट भेजने जा रहा है।

 हरियाणा विजिलेंस की कोचिंग सेंटर- प्राइवेट स्कूलों पर नजर

हरियाणा विजिलेंस को भी बिना मान्यता चल रहे प्राइवेट स्कूलों एवं  कोचिंग सेंटरों के खिलाफ कार्रवाई के दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं। शिक्षा विभाग भी अपने स्तर पर इन सेंटरों एवं स्कूलों का रिकार्ड खंगालने में लगा है। पिछले दिनों महेंद्रगढ़ में यह कार्रवाई हो चुकी है। रेवाड़ी शहर पर नजर इसलिए है की यहा प्रदेश में महेंद्रगढ़ के बाद सबसे ज्यादा कोचिंग सेंटर एवं निजी स्कूलों की संख्या है।