क्षतिपूर्ति बांड केस में रेवाड़ी से पीयूष शर्मा की कोर्ट से आया निर्णय

सर्व हरियाणा ग्रामीण बैंक 2 लाख 51 हजार 960 रुपए की रिकवरी साबित नहीं कर पाया


रणघोष अपडेट. रेवाड़ी


 हरियाणा रेवाड़ी में सीनयर डिवीजन कोर्ट के न्यायधीश पीयूष शर्मा ने क्षतिपूर्ति बांड से सबंधित एक केस में सर्व हरियाणा ग्रामीण बैंक गुरावड़ा के उस दावे को खारिज कर दिया जिसमें बांड को आधार बनाते हुए बैंक ने अपने कर्मचारी पर 2 लाख 51 हजार 960 रुपए की रिकवरी का दावा किया था। इस निर्णय से यह स्पष्ट हो गया कि चैंक बाउंस या बांड से संबंधित केसों में संस्थाएं भी पूरी तरह से तर्क एवं न्याय संगत नहीं होती। इस केस में जिस कर्मचारी शैलेंद्र गांव गौड, जिला महेंद्रगढ पर यह केस किया था उसकी पैरवी अधिवक्ता नवीन राव रामगढ़ (चैंबर नंबर 248) ने की थी।

 इस केस से जुड़े मामले को समझिए

शैलेंद्र कुमार  को सर्व हरियाणा ग्रामीण बैंक गुरावड़ा, जिला रेवाड़ी की तरफ से 9 मई 2017 को ज्वाइनिंग के लिए ऑफर लैटर जारी किया गया। 11 मई 2017 को शैलेंद्र ने बैंक में ज्वाइन कर लिया। 6 जून 2017 से 28 जून 2017  तक शैलेंद्र ने बैंक में छुटटी के लिए विदाउट पे के आधार पर आवेदन दे दिया। 29 जून 2017 को ज्वाइन करने के बाद उसने नौकरी से त्याग पत्र दे दिया। अधिवक्ता नवीन राव के अनुसार बैंक ने उसे एनओसी भी जारी कर दी। 5 मई 2018 को बैंक ने शैलेंद्र  के खिलाफ केस दायर कर दिया कि उसने ज्वाइन करते समय जमा कराए क्षतिपूर्ति बांड के तहत तय शर्तों की पालना नहीं ओर बैंक का नुकसान पहुंचाया। इस आधार पर 2 लाख रुपए भरे गए बांड एवं 51 हजार 960 रुपए एक माह का वेतन उसे बैंक में जमा कराना होगा। कोर्ट में जब दोनों पक्षों की तरफ से बहस एवं साक्ष्य रखे गए तो बैंक प्रबंधन जमा कराए बांड में वेतन का उल्लेख नहीं कर पाया। यह भी साबित नहीं कर पाया कि शैलेंद्र पर एक माह का वेतन 51 960 रुपए किस आधार पर बनता है जबकि शैलेंद्र को वेतन के नाम पर बैंक से कुछ नहीं मिला। बैंक से पूछा गया कि क्या उसने शैलेंद्र पर ट्रेनिंग के नाम पर कुछ खर्च किया था उसका जवाब भी नहीं मिला। ना ही कोई साक्ष्य पेश हो पाए।  यानि शैलेंद्र ने सीधा बैंक में ज्वाइन कर डयूटी शुरू कर दी थी जो बांड के तहत बने प्रावधान सेक्शन 27 के खिलाफ थी। यानि बैंक को शैलेंद्र से कोई नुकसान नहीं हुआ।  पीयूष शर्मा की अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद बैंक के रिकवरी दावे को खारिज कर दिया।

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