गांवों में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि को रोकने के लिए ठोस अभियान शुरू

गांवों में बढ़ते हुए कोरोना मामलों को रोकने  के लिए प्रदेश सरकार द्वारा आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं ताकि ग्रामीणों में कोरोना को लेकर सकारात्मक माहौल बने और वे भयमुक्त होकर जीवन यापन कर सकें। डीसी यशेन्द्र सिंह ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि गांवों में घर-घर जाकर प्रत्येक व्यक्ति की जांच की जाए और जांच में किसी प्रकार की ढिलाई न बरती जाए। उन्होंने कहा कि न केवल रोगियों के इलाज के लिए बल्कि वायरस को और अधिक फैलने से रोकने के लिए पर्याप्त बुनियादी ढांचा तैयार कर कार्यवाही करें। उन्होंने कहा कि वे स्वयं कोरोना की स्थिति की पल-पल की खबर ले रहे हैं। उन्होंने गांवों में कोरोना के खतरे से निपटने के लिए ‘टेस्ट, ट्रैक एंड ट्रीट’ रणनीति का सख्ती से पालन करने के भी निर्देश दिए हैं, जिसके तहत हल्के व मध्यम लक्षणों वाले रोगियों को होम आइसोलेशन में रखा जा रहा है और ऐसे रोगियों को ‘होम आइसोलेशन किट’ भी प्रदान करें। इसके अलावा, मल्टीडिसीप्लिनरी टीम, जिसमें प्रशिक्षु डॉक्टर, आशा और आंगनवाड़ी वर्कर्स शामिल हैं, को जमीनी स्तर पर उतारा गया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हर ग्रामीण व्यक्ति की स्वास्थ्य की जांच की जा सके। उन्होंने बताया कि इस कार्य के लिए 10 हजार तक की आबादी वाले गांवों की प्रत्येक ग्राम पंचायत को 30 हजार रुपए, जबकि 10 हजार से अधिक आबादी वाले गांवों की ग्राम पंचायत को सभी बुनियादी व्यवस्था करने के लिए 50 हजार रुपए मिलेंगे। जिले में रैपिड एंटीजन टेस्ट किट वितरित का कार्य जारी है, जिससे टेस्ट की रिपोर्ट लगभग आधे घंटे में प्राप्त हो रही है। जिले के 85 गांवों को रैपिड एंटीजन टेस्ट के तहत कवर किया जा चुका है, जिसमें 98 व्यक्ति पॉजिटिव पाए गए हैं।

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