चुनाव शहर की सरकार का: पढ़िए आजाद प्रत्याशी राव शिव दीप सिंह के चुनाव लड़ने की कहानी

 धारूहेड़ा की माटी का कर्ज उतारने के लिए चुनाव लड़ रहा हूं, यह मेरे पिता की अंतिम इच्छा है:  शिवदीप


रणघोष अपडेट. वोटर की कलम से


नगर पालिका धारूहेड़ा चुनाव में आजाद प्रत्याशी राव शिवदीप सिंह नया चेहरा नहीं है। धारूहेड़ा में जन्में, यहां की माटी में पले बढ़े। समझदार हुए तो यहां के लोगों ने मिलकर नगर पालिका गठन से पहले उन्हें सरपंच की जिम्मेदारी से नवाज दिया। शिवदीप ने इस मान- सम्मान ओर विश्वास को कभी कमजोर नहीं होने दिया। अपने सौम्य स्वभाव, उदार- मिलनसार छवि से जेलदार परिवार के सम्मान ओर स्वाभिमान को सभी के साथ सांझा चूल्हे की तरह जोड़े रखा। राजनीति पिता राव शिवरतन सिंह से सीखी। कहते है ना समय से पहले भाग्य से ज्यादा ना कुछ मिला है और ना मिलेगा। राव शिवरतन 1977 में रेवाड़ी विधानसभा चुनाव से महज 70 वोटों से हार गए थे। उस समय धारूहेड़ा बैल्ट चट्‌टान की तरह इस नेता के साथ खड़ी रही। बेशक वे विधायक नहीं बन पाए लेकिन यहां के लोगों ने अपना विश्वास और प्यार देने में कोई कमी नहीं छोड़ी। इसलिए समय आया तो शिवदीप को धारूहेड़ा गांव का सरपंच बना दिया।  55 साल के शिवदीप ने देश के टॉप शिक्षण संस्थानों से शिक्षा ग्रहण की है। उनका परिवार आर्थिक और सामाजिक तोर पर क्षेत्र में मजबूत हैसियत रखता है। इसके बावजूद उनके दिलो दिमाग में धारूहेड़ा के विकास को लेकर हमेशा बैचेनी रहती है। 80 साल से ज्यादा उम्र पार कर चुके उनके पिता राव शिवरतन सिंह की अंतिम इच्छा यही है कि वे धारूहेड़ा की जनता का कर्ज उतारना चाहते हैँ। इसलिए शिवदीप ने दृढ़ संकल्प के साथ उनकी इच्छा को पूरा करने के लिए बहुत पहले ही चुनाव में उतरने का निर्णय ले लिया था। हालांकि वो भाजपा की टिकट से अपने लोगों के बीच जाना चाहते थे लेकिन  भाजपा- जेजेपी गठबंधन धर्म ने उसे ऐसा करने से रोक दिया। उनके सामने  दो विकल्प थे। एक तरफ धारूहेड़ा की जनता का प्यार, स्नेह और उम्मीद थी तो दूसरी तरफ भाजपा के लिए गए निर्णय की पालना करना। 2019 के विधानसभा चुनाव में जो गलती रेवाड़ी सीट पर भाजपा हाईकमान ने की थी। उसे धारूहेड़ा में भी दोहराया जा रहा है। शिवदीप यह हरगिज नहीं चाहते थे जो खामियाजा रेवाड़ी की जनता भुगत रही है वहीं कीमत मेरी धारूहेड़ा की जनता को चुकानी पड़े। लिहाजा उन्होंने जनसमर्थन की आवाज पर आजाद प्रत्याशी के तौर पर खुद को उतार दिया।

 आज शाम दूसरे अंक में आप पढ़ेगे शिवदीप का धारूहेड़ा को मॉडल बनाने का विजन………


 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *