रणघोष अपडेट. देशभर से
जमीन घोटाला और उससे जुड़े मनी लॉड्रिंग मामले में भारतीय प्रशासनिक सेवा के झारखंड कैडर के अधिकारी रांची के पूर्व डीसी (वर्तमान के निदेशक समाज कल्याण) छविरंजन से ईडी कार्यालय में पूछताछ चल रही है। वे 11 बजे ही ईडी कार्यालय पहुंच गये थे। जमीन की खरीद बिक्री के क्रम में दस्तावेज में हेरफेर को लेकर उनसे ईडी के अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं।इसके पूर्व जमीन घोटाला मामले में ईडी ने छविरंजन सहित 18 लोगों के 22 ठिकानों पर छापेमारी की थी। रेड में छविरंजन का मोबाइल भी ईडी के हाथ लगा था जिसमें जिसमें ईडी के संभावित पूछताछ से जुड़े सवाल-जवाब भी थे। जो उन्होंने पूर्वाभ्यास के लिए रखा था। जो जाहिर करता है कि उन्हें ईडी द्वारा पूछताछ की पहले से आशंका थी। रेड के क्रम में ईडी को रांची के बड़गाईं अंचल राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप के आवास से सौ से अधिक डीड मिले थे। भानु प्रताप पर रिकार्ड में छेड़छाड़ कर जमीन की अवैध तरीके से म्यूटेशन करने का आरोप है। विभिन्न ठिकानों पर ईडी की रेड के दौरान फर्जी डीड बनाने के स्टाम्प आदि मिले थे। छविरंजन को यह ईडी का तीसरा समन था। ईडी ने 21 अप्रैल को ही छविरंजन को बुलाया था मगर वे नहीं गये। दो सप्ताह का समय मांगा। पितृत्व अवकाश के हवाला देकर मई के पहले सप्ताह में समय देने का आग्रह किया था जिसे ईडी ने ठुकरा दिया और 24 अप्रैल का समय दिया था। सेना की जमीन और अन्य जमीन घोटाले के मामले में रेड के बाद ईडी ने साक्ष्य के आधार पर सात लोगों को गिरफ्तार किया था। सेना की जमीन और चेशायर होम रोड की जमीन बेचने के मामले में कुछ गिरफ्तार लोगों ने ईडी को बताया है कि वे तत्काल डीसी छविरंजन के निर्देश पर ही काम करते थे।