टिकट मिले ना मिले, जनता उसे बैठने नहीं देगी, संदीप बोहरा ने साफ किए इरादे

 धारूहेड़ा को जेलदारी प्रथा से आजाद कर मॉडल बनाना है

नगर निकाय चेयरमैन की दावेदारी को लेकर मैदान में उतरे पूर्व प्रधान संदीप बोहरा ने अपने इरादे साफ कर दिए हैं। बोहरा ने कहा कि वे भाजपा के अनुशासित सिपाही है। चेयरमैन पद के लिए उन्होंने पार्टी में आवेदन कर दिया है। वे पिछले 12 सालों से नपा का चुनाव लड़ते और जीतते आ रहे हैं। अगर किसी कारणवश पार्टी की टिकट नहीं मिल पाती है तो जनता उन्हें बैठने नहीं देगी। उनका लक्ष्य धारूहेड़ा को जेलदारी प्रथा से आजाद कराकर उसे मॉडल बनाना है। कहने को यह नगर पालिका औद्योगिक क्षेत्र की जड़ में है जबकि विकास जेलदार परिवारों  की गिरफ्त में जकड़ा हुआ है। उससे मुक्त कराना ही उसका लक्ष्य है।

2008 में जब नपा का गठन हुआ संदीप बोहरा ने पहला चुनाव जीत लिया था। उस समय पूर्व मंत्री कप्तान अजय सिंह यादव का दबदबा था। लिहाजा संदीप पार्षदों का समर्थन नहीं जुटा पाए। 2013 में वे छह माह के लिए निर्विरोध नपा प्रधान बन गए। संदीप बोहरा का कहना है कि उन्हें महज छह माह में धारूहेड़ा की तस्वीर को बदलने का काम किया जिसमें सभी सरकारी विभागों को एक ही छत के नीचे लाना। सीवरेज लाइन  बिछवाना और एलईडी लाइट लगवाने की योजना केा सिरे चढ़ाने का काम किया। यहां तक की अपने प्रयास से डाकघर भी लेकर आए। बोहरा का कहना है कि नपा की राजनीति में उनका कोई गॉड फादर नहीं था इसलिए चुनाव में पार्षदों के जोड़ तोड़ में चेयरमैन बनने के गणित को वे कभी समझ नहीं पाए। 17 वार्ड एवं 21 हजार वोटों वाली इस नगर पालिका के चुनाव में बोहरा  के पास अपनी जमीनी ताकत है और वे केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के खेमें से आते हैं। हाल ही में भाजपा की नई कार्यकारिणी में उन्हें भाजपा युवा जिला मोर्चा की जिम्मेदारी मिली है। संदीप बोहरा ने कहा कि जब तक नगर पालिका जेलदार परिवारों से आजाद नहीं होगी धारूहेड़ा बदहाल स्थिति में रहेगा। आज भी राजस्थान से आ रहा कैमिकल पानी क्षेत्र के लोगों की जिंदगी बर्बाद कर रहा है। चारों तरफ समस्याओं का अंबार लगा हुआ है। इसके लिए कौन जिम्मेदार यह बताने की जरूरत नहीं है। जनता को अब निर्णायक फैसले पर आना ही चाहिए। उन्हें पता है कि जनता सामने आकर इन परिवारों का विरोध नहीं कर सकती लेकिन मतदान के दिन अपने बटन से उन्हें अहसास करा सकती है कि यह क्षेत्र उनकी मानसिक गुलामी का हिस्सा नहीं है। बोहरा ने कहा कि वे जनता की आवाज है। इसलिए 24 घंटे उनके बीच में रहते हैं। पिछले चुनाव में भी जनता  ने अच्छे खासे वोटों से जीताकर नपा में भेजा था। अगर जनता ने उन्हें जिम्मेदारी दी तो वे सबसे पहले अवैध कालोनियों को वैध, राजस्थान से आने वाले गंदे पानी को एक साल में रूकवा देंगे। यह उनका लक्ष्य है। लोगों को अपनी छोटी छोटी समस्या के लिए इधर उधर नहीं भटकना पड़े इसके लिए सिंगल विंडो सिस्टम लागू करेंगे जिसमें कर्मचारी एवं अधिकारियों की समस्या के समाधान के लिए समय सीमा निर्धारित होगी।

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