लद्दाख में ‘पिटने’ के बाद भी नहीं सुधरा चीन, नई साजिश रचने के लिए सैनिकों को पहनाए खास किस्म के सूट

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पूर्वी लद्दाख में भारतीय जवानों से हर मोर्चे पर मात खाने वाला चीन रोजाना नई-नई साजिशें रच रहा है। कभी  गुजरात से सटे पाकिस्तानी एयरबेस पर अभ्यास के लिए फाइटर जेट्स और सैनिकों को भेजता है, तो कभी एलएसी के डेप्थ इलाकों में जवानों के लिए मिलिट्री कैंप्स बनाते हुए पकड़ा जाता है। चीन भारत के खिलाफ साजिश रचने की पूरी कोशिश करता है, लेकिन फिर भी हार ही मिलती है। अब उसे इतना डर सता रहा है कि उसने अपनी सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के लिए नए तरीके के सूट बनवाए हैं। आयरनमैन वाले इन सूट्स का नाम एक्सोस्केलेटन सूट हैं। चीन के सैनिकों इन सूट्स को पहनना भी शुरू कर दिया है। अभी तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र के नागरी बॉर्डर पर तैनात जवानों को ये सूट मिले हैं। इनके जरिए से ऊंचाई वाली जगहों पर चीनी सैनिकों को पहले के मुकाबले अधिक फायदा मिलेगा।

पेट्रोलिंग, सामान पहुंचाने में प्रभावी होगा यह सूट

चीनी सरकार के भोंपू ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने विशेषज्ञों के हवाले से बताया है कि एक्सोस्केलेटन सूट सैनिकों के कई मिशन में लाभकारी होते हैं। किसी भी सामान की डिलिवरी, पेट्रोलिंग करने और सेंट्री ड्यूटी में ऐसे सूट प्रभावी साबित होंगे। ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने बताया कि नागरी में तैनात पीएलए के कई जवान एक्सोस्केलेटन सूट पहन रहे हैं। चूंकि, नागरी समुद्री स्तर से 5 हजार मीटर ऊंचाई पर है, ऐसे में सैनिक आसानी से एक अडल्ट शख्स जितना सामान बड़ी आसानी से उठा लेंगे। इस दौरान, उन्हें पैरों और कमर पर लगने वाली चोटों से भी छुटकारा मिलेगा। वहीं, सीसीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही में एक सप्लाई डिलिवरी मिशन के दौरान, PLA शिनजियांग मिलिट्री कमांड से जुड़े कई सैनिकों ने भोजन और पानी की व्यवस्था की, जिसमें प्रत्येक व्यक्ति लगभग 20 किलोग्राम का सामान ले जा रहा था।

एक्सोस्केलेटेन सूट पर ट्रांसफर हो जाता है वजन

एक सैनिक ने बताया जवानों के बैकपैक का वजन एक्सोस्केलेटन सूट पहने होने की वजह से उसके पैरों पर पड़ने के बजाय सूट पर ट्रांसफर हो जा रहा था। हालांकि, चीन ने सूट को लेकर अधिक जानकारी नहीं दी है। लेकिन, रिपोर्ट की फुटेज से पता चलता है कि सूट काफी हल्का है। ‘ग्लोबल टाइम्स’ से एक एक्सपर्ट ने बिना नाम प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि इस तरह के सूट ऊंचाई वाली जगह पर काफी मददगार साबित होते हैं। ऊंचाई वाली जगहों पर ऑक्सीजन की कमी के कारण, सामान अपने वास्तविक वजन से बहुत अधिक भारी लगने लगता है। एक्सपर्ट ने कहा, ”एक एक्सोस्केलेटन सूट अपने पहनने वाले को अपनी ऊर्जा बचाने और अपने पैरों की रक्षा करने में मदद कर सकता है।” उन्होंने आगे कहा कि सीमा सुरक्षा अभियानों में, सूट सप्लाई डिलिवरी, पेट्रोलिंग, सेंट्री ड्यूटी में मददगार है।

चीनी सैनिकों की ओर से आया सूट पर पॉजिटिव फीडबैक

एक्सपर्ट्स का कहना है कि बॉर्डर वाले क्षेत्रों में चीनी सैनिकों को फिजिकल रूप से फायदा मिलेगा, जब दूसरी ओर वाले सैनिक ऐसे सूट्स नहीं पहने होंगे। वे सैनिक जल्दी थक जाएंगे। नंबर-208 रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ चाइना ऑर्डनेंस इंडस्ट्रीज ने नवंबर में पीएलए सीमा रक्षा बलों को एक्सोस्केलेटन सूट का पहला बैच दिया था और कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर दिसंबर महीने में दूसरा बैच दिया भेजा गया। इंस्टीट्यूट का कहना है कि सूट को लेकर सैनिकों ने पॉजिटिव फीडबैक दिया है।

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