दक्षिण हरियाणा में बदल रही कांग्रेस की राजनीति

हुडडा कांग्रेस में अपनी मजबूती देख रहे कप्तान, विज्ञापन को सबूत बनाकर कर रहे  साबित


रणघोष खास. सुभाष चौधरी

कहने को पूर्व मंत्री कप्तान अजय सिंह यादव कांग्रेस पार्टी में ओबीसी के राष्ट्रीय संयोजक है। हाईकमान से उनका सीधा व्यवहार है। रेवाड़ी विधानसभा सीट पर उनके बेटे चिरंजीव राव विधायक है। इस सबके बावजूद कप्तान को हरियाणा में अपनी राजनीति जमीन मजबूत करने के लिए आखिरकार हुडडा कांग्रेस के दरबार में बार बार आना पड़ रहा है।

दीपावली पर्व पर उनके समर्थकों ने प्रकाशित विज्ञापन में हरियाणा से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुडडा, उनके बेटे राज्य सभा सांसद दीपेंद्र हुडडा एवं प्रदेश अध्यक्ष उदयभान का फोटो लगाया। जबकि अभी तक उनके संबंध संगठन में सबसे मजबूत लीडर राष्ट्रीय महासचिव, सात सदस्यों की कोर कमेटी की संयोजक एवं छत्तीसगढ़ की प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा से काफी मजबूत रहे हैं। इसी तरह गांधी परिवार के सबसे विश्सनीय माने जाने वाले पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं मध्यप्रदेश प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला, जाटों की राजनीति का मजबूत महिला चेहरा किरण चौधरी से भी कप्तान के हुडडा से ज्यादा मजबूत संबंध रहे हैं। पिछले दिनों कप्तान ने अपने पिता स्व. राव अभय सिंह के कार्यक्रम में उपरोक्त सभी नेताओं को आमंत्रित किया था जिसमें हुडडा परिवार ने ही शिरकत कर कप्तान का सम्मान रखा बाकि हुडडा की वजह से अनुपस्थित रहे।  यहां बता दें कि हरियाणा में कांग्रेस के भीतर चौधर को लेकर हुडडा के खिलाफ सुरजेवाला, कुमारी शैलजा एवं किरण चौधरी एकजुट होकर आगे बढ़ चुके हैं। जमीनी तौर पर कुछ जिलों में हुडडा मजबूत नजर आ रहे हैं तो संगठन में हाईकमान के  तौर पर वे अपने विरोधियों से कमजोर दिख रहे हैं। कप्तान की राजनीति मौसम के हिसाब से बदलती रही है। कभी उन्हें हुडडा खलनायक की तरह नजर आए तो कभी नायक। इसकी वजह भी साफ है रेवाड़ी जिले में जितने भी कांग्रेस समर्थक है उनका सीधा संपर्क हुडडा से हैं। कोसली- बावल व रेवाड़ी में अधिकतर स्थानीय नेता एवं पदाधिकारी सीधे हुडडा को अपना नेता मानते हैं। वे कप्तान की बजाय हुडडा से सीधी पकड़ रखते हैं। इसलिए जब भी पूर्व हुडडा परिवार का इस क्षेत्र में दौरा होता है समर्थकों की फौज नजर आती है। 2019 के विधानसभा चुनाव में जब चिरंजीव राव घिरे हुए थे उस समय उनकी हुडडा से काफी दूरियां बनी हुई थी। इसके बावजूद दीपेंद्र ने बड़ा दिल दिखाते हुए रेवाड़ी सीट पर जाट बाहुल्य गांवों का दौरा कर चिरंजीव राव को जिताने में काफी मदद की थी। इसके बाद भी हुडडा से उनके संबंधों में अप डाउन आता रहा। 2024 के चुनाव में अब एक साल से भी कम समय बचा है। कप्तान ने अपने समर्थकों के जरिए हरियाणा में हुडडा को अपना नेता मान लिया है। ऐसा करके वे एक तरह से लोकल स्तर पर अपने उन विरोधियों को भी कमजोर करना चाहते हैँ जो हुडडा के अलावा किसी को अपना नेता नहीं मानते। कुल मिलाकर कप्तान समझ  चुके हैं कि हुडडा के बिना वे अपने क्षेत्र में भी मजबूत नहीं हो पाएंगे। इसलिए अभी से उन्होंने विज्ञापन एवं अन्य माध्यमों से हुडडा से बेहतर संबंध होने के सबूत पेश करने शुरू कर दिए हैं।

4 thoughts on “दक्षिण हरियाणा में बदल रही कांग्रेस की राजनीति

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