पीपीपी ऑथोरिटी के स्टेट कॉ आर्डिनेटर सतीश खोला के करिश्माई दावे

  विकास की गंगा को घर घर तक पहुंचा दिया,  अधिकारी- मंत्रियों को पता ही नहीं चला


रणघोष अपडेट. रेवाड़ी

 हरियाणा सरकार में परिवार पहचान पत्र ऑथोरिटी  के स्टेट कॉ आर्डिनेटर डॉ. सतीश खोला ने करिश्माई दावा है कि उनके अथक प्रयासों से रेवाड़ी विधानसभा के लगभग सभी घरों में केंद्र व राज्य सरकारों की योजनाओं से विकास की गंगा बह रही है। इस नेता के दावों पर भरोसा किया जाए तो उन्होंने  वो कर दिखाया है जिसे अभी तक सरकार के सभी महकमों के भारी भरकम कर्मचारी व अधिकारियों की फौज अभी तक अपने स्तर पर नहीं कर पाईं।

सतीश खोला ने  दो दिन पहले अपने जारी विज्ञापन में जो आंकड़े पेश किए हैं उस हिसाब से विरोधी दलों को राजनीति छोड़कर मानसिक शांति के लिए धार्मिक स्थलों पर चला जाना चाहिए। इसी तरह भाजपा संगठन को अपनी राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर कार्यप्रणाली पूरी तरह से डॉ खोला की वर्क स्टाइल से चलानी चाहिए। यहां तक की अफसरशाही को भी इस भाजपा नेता के यहां काम करने के तौर तरीकों का प्रशिक्षण लेने की अनिवार्यता लागू कर देनी चाहिए। सतीश खोला ने रेवाड़ी में अपने निजी कार्यालय में रहकर वो करिश्मा कर दिखाया है जिसे जो भी देखेगा दातों तले उंगली दबा लेगा। ऐसा नहीं है कि खोला ने हवा में अपनी बातों को रखा है। पूरा रिकार्ड व डाटा उनके पास है। यानि कागजो में पूरी तरह से मजबूत है। जिसे अनदेखा नहीं किया जा सकता। इस भाजपा नेता की वर्किंग रिपोर्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देख ले तो वो भी हैरान हो जाए।

आइए जाने सतीश खोला ने ऐसा क्या कर दिया

सतीश खोला का दावा है कि उन्होंने रेवाड़ी विधानसभा के सभी 250 बूथों पर ट्रेंड टीम बनाकर 14500 बीपीएल कार्ड, 7500 चिरायु कार्ड, 250 विवाह शगुन योजना, 250 आवास नवीनीकरण योजना, 100 निशक्त  पेंशन, 2500 बुढ़ापा पेंशन, 150  छात्रवृति, 5 हजार भवन निर्माण श्रमिक योजनाओं से लाभार्थी बनाए हैं। इन सभी को बूथ स्तर पर पार्टी के साथ जोड़ दिया है। इतना ही नहीं सीएम मनोहरलाल की अंत्योदय योजनाओं को रेवाड़ी जिले में पूरी तरह से लागू करने का पूरा प्रयास किया। जिसमें लगभग 80 हजार परिवारों से सीधा संपर्क करके योजनाओं की जानकारी दी। लगातार यह कार्य बड़ी तेजी से जारी है।

इस हिसाब से खोला मैदान में उतरे तो सभी की जमानत जब्त

 जिस स्टाइल से डॉ. खोला ने विकास की गंगा को घर घर पहुंचा दिया।  उस हिसाब से अगर वे 2024 में अपने दम पर भी चुनाव लड़ते हैं जिसका वो एलान कर चुके हैं उस हिसाब उनके सभी विरोधियों की जमानत जब्त होना तय है। इतना ही नहीं खोला ने वो गजब कर दिखाया है कि बावल व कोसली में किसी भी उम्मीदवार को जीतने के लिए इस नेता के पास आना होगा।

खोला ने करिश्माई काम किया, फिर भी अनदेखी  ऐसा क्यो

सतीश खोला पिछले 10 सालों से सरकार की योजनाओं पर लगातार काम करते आ रहे हैं। 2019 के बाद तो उन्होंने इसकी रफ्तार बेहद तेज कर दी थी। दावों पर यकीन किया जाए तो  योजनाओं के माध्यम से घर घर में  भाजपा से ज्यादा  सतीश खोला का नाम जुड़ चुका है। इसके सबके बावजूद हाईकमान ने इस नेता को इस सीट पर टिकट नहीं दी। यहां तक की लंबे समय बाद हरियाणा सरकार में उन्हें  पीपीपी ऑथोरिटी  के स्टेट कॉ आर्डिनेटर बनाया है।

अपने निजी कार्यालय पर हर माह हजारों लाखों का खर्चा भी उठा रहे

 सतीश खोला के कार्यालल में रोज सरकारी योजनाओं का लाभ लेने वालों की भीड़ लगी रहती है। जाहिर है  व्यवस्था बनाए रखने  के लिए हर माह कई हजारों का खर्चा भी होता है जिसे खोला खुद  वहन करते हैं। पार्टी के इतना समर्पण होने के बावजूद इस नेता को जो सम्मान मिलना चाहिए था वह क्यों नहीं मिला यह सबसे बड़ा सवाल है।

इतना सबकुछ करने के बाद भी भाजपा मजबूत नहीं

 अकेले खोला ने वो कर दिखाया जो सरकार व संगठन भी मिलकर नहीं कर सकते। इसके बावजूद भाजपा अभी तक यहां मजबूत नहीं हो पाई है। 2019 में कांग्रेस से चिंरजीव राव विधायक बन गए। रेवाड़ी- बावल व धारूहेड़ा नगर निकायों में भाजपा की टिकट पर अधिकतर भाजपा उम्मीदवार हारते रहे। नगर परिषद में काम को लेकर घमासान रहता है। नप की मीटिंगों में हंगामा होना रूटीन हो गया है। सरकारी योजनाओं के नहीं मिल रहे लाभ को लेकर आमजन जिला सचिवालय पर चक्कर लगा रहे हैं। खोला की रिपोर्ट के हिसाब से रेवाड़ी का कोई ही घर सरकारी योजनाओं से वंचित रह गया हो। अब इसे क्या समझा जाए। कायदे से सरकार को खोला के हिसाब से चलना चाहिए नहीं तो डॉ. खोला के दावों की मेहनत पर पानी फिर जाएगा।    

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