शिक्षा विभाग में कार्यरत लिपिक कर्मचारियों का आन लाइन ट्रांसफर अगस्त 2020 में हुआ। इस तबादला नीति में प्रदेश के लगभग सभी मिडिल स्कूलों से तबादला होने वाले कर्मचारियों की जगह को विभाग ने कैप्ट कर दिया। जिसके चलते प्रदेश के लगभग दो सौ पचास कर्मचारियों को अपने पुराने स्टेशन से एक सौ से दो सौ किलोमीटर दूर जाना पड़ा। जिससे कर्मचारियों को आर्थिक व मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस मुख्य मांग सहित अन्य मांगों को लेकर दस फरवरी को हेमसा का राज्य स्तरीय मास डेपुटेशन निदेशक शिक्षा विभाग पंचकूला के कार्यालय का घेराव करेगा। उपरोक्त विचार हेमसा की राज्य प्रधान शर्मीला हुड्डा व हेमसा जिला सचिव सुजान मालड़ा ने संयुक्त रूप से प्रेस के नाम जारी बयान में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि लिपिक कर्मचारियों की आन लाइन ट्रांसफर से पहले हेमसा संगठन ने शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर से मुलाकात कर खामियों को उजागर किया था। शिक्षा मंत्री ने भी प्रतिनिधि मंडल को आश्वासन दिया था कि ट्रांसफर होने से पहले विभाग के उच्चाधिकारियों से बात करके इस समस्या का समाधान करवाया जाएगा। परन्तु उसी रात को ही कर्मचारियों का तबादला कर दिया गया। जिससे कर्मचारियों को भारी परेशानी उठानी पड़ी। इसके अलावा भी इस बारे संगठन की तरफ से तेरह बार निदेशालय व मुख्यमंत्री को पत्राचार किया जा चुका है। परन्तु सरकार व विभाग की ओर से एक बार संगठन को बातचीत का न्यौता दिया गया। लेकिन प्रतिनिधि मंडल के पहुंचने के बाद भी निदेशक महोदय कार्यालय में नहीं मिलने के कारण प्रतिनिधि मंडल को एक बार फिर निराश होकर वापस लौटना पड़ा। कर्मचारियों की इस समस्या को लेकर हेमसा राज्य कार्यकारिणी व सभी जिला प्रधानों व जिला सचिवों की एक महत्वपूर्ण बैठक 17 जनवरी को सर्व कर्मचारी संघ के प्रदेश कार्यालय रोहतक में आयोजित की गई। जिसमें फैसला लिया गया कि हरियाणा प्रदेश के लिपिक कर्मचारी विभाग व सरकार की कर्मचारियों के प्रति उदासीन रवैए से खफा होकर दस फरवरी को निदेशक शिक्षा विभाग पंचकूला के कार्यालय का घेराव करेगा। उन्होंने हरियाणा प्रदेश के सभी लिपिक कर्मचारी भाई- बहनों से इस कार्यक्रम में अधिक से अधिक संख्या पहुंचने का आह्वान किया।