देश में डेल्टा प्लस वेरिएंट ने ली पहली जान, वैक्सीन न लगवाने वाली महिला की मौत

 रणघोष खास. देशभर से


कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट से देश में पहली मौत सामने आई है। उज्जैन की रहने वाली बुजुर्ग दंपत्ति में इस वैरिएंट का पता चला है, जिसमें महिला की मौत हो गई किन्तु उसके पति स्वस्थ हो चुके है। स्वस्थ हो चुके पति ने वैक्सीन की पहली डोज लगवाई थी किन्तु महिला को वैक्सीन नहीं लगी थी। मध्य प्रदेश में कुल पांच मामले सामने आये है, जिसमें से चार लोग स्वस्थ हो चुके है। उज्जैन के कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि मध्य प्रदेश में डेल्टा प्लस के 5 मामले सामने आए हैं। इसमें भोपाल में 3 और उज्जैन में 2 मामले हैं। इसमें से उज्जैन के एक मरीज की मौत की पुष्टि हो चुकी है। जिस महिला की मौत हुई है, उसे टीका नहीं लगा था। महिला के पति ठीक हैं, जिन्हें टीका लग चुका था। उन्होंने बताया कि उज्जैन में 17 मई को संक्रमित मिले दंपती में नया वैरिएंट मिला था। 6 दिन बाद यानी 23 मई को महिला मौत हो गई थी। महिला के पति में भी यही वैरिएंट मिला था पर वैक्सीन का पहला डोज लगे होने से वह पूर्णरूप से स्वस्थ है। सैंपल रोजाना जांच के लिए भोपाल भेजे जाते थे। जांच के बाद इसका खुलासा हुआ था। दोनों मरीज के संपर्क में आने वाले लोगों की भी जांच कराई गई, जिसमें से कोई भी संक्रमित नहीं पाया गया है। राज्य सरकार की ओर से जानकारी दी गई कि मप्र में कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वैरिएंट के 5 में से 4 मरीज कोरोना से स्वस्थ हो चुके हैं और घर पर हैं। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि डेल्टा प्लस वैरिएंट के 5 मामले सामने आए हैं। इसको लेकर राज्य स्तर पर समीक्षा की जा रही है। प्रदेश में डेल्टा प्लस से एक मौत हुई है। इसमें यह बात सामने आई है कि जिन्हें कोरोना वैक्सीन लग चुकी थी, वो डेल्टा प्लस को भी हराने में कामयाब हुए। सारंग ने कहा कि डेल्टा प्लस वैरिएंट से उज्जैन में एक मरीज की मौत हुई, उनको कोरोना की वैक्सीन नहीं लगी थी। बाकी चार मरीजों को पहले टीके लग चुके थे और अब वे स्वस्थ हैं। इस मामले में भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया ने बताया कि भोपाल में तीन मामले सामने आए थे। इनमें से तीनों मरीज स्वस्थ है। उनके संपर्क में आने वालों की भी कॉन्ट्रैक्ट ट्रैसिंग कराई गई, वह भी सभी ठीक है। अभी कोई ज्यादा मामले मिले नहीं हैं, इसलिए अलग से कोई निर्देश वाली बात फिलहाल नहीं है। हम कोरोना टेस्टिंग के साथ-साथ वैक्सीनेशन पर फोकस कर रहे हैं, जिससे लोगों को संक्रमण होने पर भी खतरा कम रहे।

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