अपने बच्चों का भविष्य बचाना चाहते हैं तो इन 10 सवालों का ईमानदारी से जवाब तलाश लिजिए..
रणघोष खास. प्रदीप नारायण
दिन रात पसीना बहाकर, तरह तरह के तनाव लेकर अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए सबकुछ दांव पर लगाने वाले अभिभावकों से हाथ जोड़कर विनती है। हमारे लिखे गए शब्दों को किसी अखबार की रिपोर्ट, घटना की कवरेज या लेख ना समझे। इसी में आपके बच्चों के भविष्य का सच छिपा हुआ है। सीबीएसई ने नए प्रयोग के तोर पर पूरे देश में जिस तरह कक्षा 10 वीं एवं 12 वीं की परीक्षा आयोजित करने का जो नया फॉरमेट लागू किया है उसने बच्चों के भविष्य को बर्बाद करने की आधारशिला रख दी है। 19 दिसंबर तक ये परीक्षाएं समाप्त हो जाएगी। इसके बाद सीबीएसई के अधिकारी अभी तक मिली शिकायतों के आधार पर मीडिया में कार्रवाई के नाम पर नाटक करते नजर आएंगे। जिन परीक्षा केंद्रों से प्रश्न पत्र लीक हुए हैं वे अभी से अधिकारियों से मिलकर मामले को रफा दफा करने में जुट गए हैं। जिन बच्चों को आंसर की के साथ पकड़ा गया है। उनकी कीमत उनके अभिभावकों को चुकानी पड़ेगी जो अपने बच्चों की हकीकत पर अभी तक पर्दा डालते आ रहे थे। डयूटी पर तैनात जिन शिक्षकों ने नकल करवाईं वे बच्चों के सामने बेपर्दा हो चुके हैं। नकल करने वाले बच्चे जब बड़े होंगे ओर चंद पैसो के लालच में बिकने वाले ये गुरु बाजार में मिलेंगे तो कहेंगे देखो वो गुरु के नाम पर शिक्षा का दलाल जा रहा है जिसने हमारा भविष्य बर्बाद कर दिया।
ऐसे हालातों में उन अभिभावकों की अब असल जिंदगी की परीक्षा शुरू हो गई है जो अपने बच्चे के दिए एग्जाम को अपने आने वाला बेहतर कल के तौर पर देख रहे थे। उन्हें तत्काल प्रभाव से अपने बच्चों से 10 ऐसे सवालों के ईमानदारी से जवाब तलाशनें होंगे जो उन्हें मौजूदा हालात की कसौटी पर खरा उतार सके। सवाल इस प्रकार है
1. एग्जाम समाप्त होने के बाद बच्चों को विश्वास में लेकर परीक्षा केंद्र के माहौल के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करें
2. बच्चे अगर कुछ छिपाना चाह रहे हैं तो बेहद ही प्यार से प्रेरित करें कि सारा सच ईमानदारी से आपका बता दें।
3. अगर परीक्षा के समय हुईं गड़बड़ी को बता रहे हैं तो उस जानकारी को अपने तक सीमित नहीं रखे। उसे हमारे वाटसअप नंबर 8307963208, 9466083150 पर जरूर शेयर करें। आपकी जानकारी एवं पहचान को पूरी तरह से गुप्त रखा जाएगा।
4. याद रखिए अगर पता होते हुए भी आपने शिक्षा के साथ दुराचार करती इस जानकारी को छिपाया तो सीधे तौर पर आप अपने बच्चे की बर्बादी के सबसे बड़े गुनाहगार होंगे
5. रजल्ट में अगर आपके बच्चे के किसी भी विषय में 100 में से 100 नंबर आ रहे हैं तो किसी सूरत में खुश ना हो । तुरंत समझ जाइए आपका बच्चा नंबरों की वायरस की चपेट में आ चुका है। उसके इलाज में जुट जाइए। इस पृथ्वी पर आज तक कोई नहीं जन्मा है जो 3 घंटे की परीक्षा में सभी विषयों में शत प्रतिशत नंबर लेकर खुद को संपूर्ण साबित कर दें। अगर आप किसी बच्चे को प्रश्न पत्र के साथ उत्तर पुस्तिका भी दे ओर तीन घंटे की बजाय पूरा एक दिन पेपर करने की छूट दे तो भी वह मानवीय समझ व मनो स्थिति के आधार पर शत प्रतिशत नंबर नहीं ले सकता। यह हमारा नहीं मनो चिकित्सकों एवं शिक्षाविदों का दावा है। इन नंबरों पर मोहर लगाने वाले हमारे एजुकेशन सिस्टम को चाहिए कि वो 100 में से 100 नंबर लेने वाले बच्चों को तुरंत प्रभाव से शिक्षक नियुक्त कर दें। उन्हें मास्टर डिग्री, पीएचडी एवं डी- लिट करने की जरूरत ही नहीं है। नंबरों के आधार पर वे अपने विषय का संपूर्ण ज्ञान प्राप्त कर चुके हैं।
6. जिस शिक्षक ने परीक्षा केंद्र पर नकल करवाई हैं। उसका नाम उजागर करिए। वह गुरु नहीं शैतान है जो बच्चे का नहीं परिवार, समाज एवं राष्ट्र को खत्म कर रहा है। पता होते हुए भी अगर नाम छिपाया तो समझ लिजिए आप पाप को छिपा रहे हैं। अपनी बर्बादी की शुरूआत कर चुके हैं।
7. अगर कोई स्कूल संचालक एवं शिक्षक सच को छिपाने का दबाव बनाए तुरंत प्रभाव से अपने बच्चे का नाम उस स्कूल से कटवा लिजिए। उसकी रिकार्डिंग कर सोशल मीडिया पर वायरल करिए ताकि हजारों- लाखों बच्चों का भविष्य बर्बाद होने से बच जाए।
8. अगर आपके बच्चे ने गलत संगति में आकर नकल की है या किसी बात को छिपाया है तो कुछ समय के लिए अपना सबकुछ छोड़कर उस सच को सामने लाने में जुट जाइए नहीं तो जिंदगी भर खुद को कोसते हुए खत्म कर लेंगे।
9. अपने बच्चों पर किसी सूरत में ज्यादा से ज्यादा नंबर लाने का हरगिज दबाव मत बनाइए। अधिकांश केसों में बच्चे दबाव में आकर परीक्षा में नकल करने की गलत प्रवृति का शिकार हो जाते हैं
10. बच्चे को बार बार प्रेरित करिए कि वे इस बार सीबीएसई के आने वाले परिणामों पर पूरी तरह भरोसा ना करें। अगर कोई कमजोर बच्चा नकल करके टॉपर आता है परेशान होने की बजाय उस पर मुस्कराए कैसे वह अपना भविष्य खत्म करने की शुरूआत कर चुका है।