दिल्ली-एनसीआर की हवा जहरीली होती जा रही है। आसमान धुंध और धुएं की चादर में लिपटा हुआ है। प्रदूषण इतना ज्यादा है कि सूरज की किरणें भी ठीक तरह से धरती तक नहीं पहुंच रही हैं। दिल्ली में रविवार सुबह हवा की गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई। मौसम विभाग के पूर्वानुमानकर्ताओं का कहना है कि हवा की धीमी गति और पराली जलाने में वृद्धि, खासतौर से पंजाब में, इसे ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंचा सकती है।
प्रदूषण का स्तर बिगड़ने के साथ, केंद्र के वायु गुणवत्ता पैनल ने शनिवार को अधिकारियों को दिल्ली-एनसीआर में निर्माण और ध्वस्तीकरण गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया, आवश्यक परियोजनाओं को छोड़कर। इसके अलावा ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) के तीसरे चरण के तहत अन्य प्रतिबंध भी लागू किए जाएंगे। दिल्ली का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) सुबह नौ बजे 367 रहा।
शनिवार को 24 घंटे का औसत एक्यूआई 397 था, जो जनवरी के बाद सबसे खराब है। गुरुवार को एक्यूआई 354, बुधवार को 271, मंगलवार को 302 और सोमवार (दिवाली वाले दिन) को 312 था। आनंद विहार (एक्यूआई 468) राजधानी का सबसे प्रदूषित स्थान रहा। वजीरपुर (412), विवेक विहार (423) और जहांगीरपुरी (407) उन निगरानी स्टेशनों में शामिल थे, जहां वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज की गई।
भारतीय मौसम विभाग के पर्यावरण निगरानी और अनुसंधान केंद्र के प्रमुख वी के सोनी ने कहा कि प्रतिकूल मौसम संबंधी परिस्थितियों के बीच शनिवार को दिल्ली-एनसीआर में धुंध की एक परत बनी हुई है और इसके दो और दिनों तक बने रहने की संभावना है। मंगलवार को इससे राहत मिलने की उम्मीद है। सफर का कहना है कि दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी शनिवार को बढ़कर 21 प्रतिशत हो गई, जो इस साल में अब तक का सबसे अधिक है।
सफर के अधिकारी गुफरान बेग ने कहा कि रविवार को यह 40 प्रतिशत तक बढ़ सकता है और हवा की गुणवत्ता को गंभीर श्रेणी में पहुंचा सकता है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय रविवार को ग्रैप के तीसरे चरण के तहत लागू किए जाने वाले उपायों पर चर्चा करने के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करेंगे। ग्रैप प्रदूषण की गंभीरता के अनुसार राजधानी और इसके आसपास के क्षेत्रों में वायु प्रदूषण रोधी उपायों का एक समूह है।