एकजुट हुए स्थानीय ग्रामीण बोले विकास के नाम पर गुंडा टैक्स, किसी सूरत में बर्दास्त नही..
रणघोष खास. सुभाष चौधरी
रेवाड़ी- नारनौल नेशनल हाइवे-11 पर मंगलवार से शुरू हुई टोल वसूली आस पास गांवों के लिए सरकारी मान्यता प्राप्त गुंडा टैक्स बन गई है। जिसके खिलाफ ग्रामीणों ने मोर्चा खोल दिया है। धरना प्रदर्शन शुरू हो गया है। बातें नहीं मानी तो कुछ भी हो सकता है जो आमतौर पर रूटीन में अन्य टोल प्लाज पर नजर आता है। इसके बाद राजनीति इस प्रदर्शन में कूदेगी ओर जिस नेता का प्रभाव काम करेगा उसे आने वाले दिनों में इसका राजनीति लाभ भी माहौल के हिसाब से मिलेगा।
देश में जितने भी टोल प्लाजा बने हुए हैं उनकी कार्यप्रणाली पर गौर करें। यहां से गुजरने वाले वीआईपी, बड़े नेताओं, पुलिस महकमा, प्रशासनिक अधिकारियों समेत अच्छा खासा रसूक रखने वालों के वाहनों को भाईचारे में टोल टैक्स फ्री रखा जाता है। वजह इसी जमात से टोल संचालकों की नमस्तें रहती हैं। यानि जिसके लिए टोल राशि की कोई अहमियत नहीं है। अगर देनी भी पड़े तो वह सरकारी खर्चें में जुड़ जाती है। उनकी बराबर चिंता की जाती है। दूसरी तरफ देखिए जिसने अपनी जमीन इस रोड के लिए दी। उसे आने जाने के नाम पर टोल देना पड़ेगा। यानि जिन आस पास गांवों का आपसी भाईचारा मिलने मिलाने से आने- जाने से बना हुआ था उसे भी टोल की आड़ में कमजोर किया जा रहा है। सभी जानते हैं कि गांवों में ग्रामीण किस संघर्ष के साथ अपने परिवार का लालन पोषण कर रहे हैं। इसके बावजूद टोल अनिवार्य एक तरह से ग्रामीणों को आर्थिक तौर पर शोषित करना है। हालांकि यह आसान नहीं है। किसान आंदोलन में जिस तरह किसानों ने प्रभावित क्षेत्रों में टोल प्लाजा को फ्री रखवाया उससे प्रशासन एवं सरकार भी अच्छी तरह वाकिफ है। सबसे बड़ी बात देश में टोल प्लाजा को लेकर नियम एक है लेकिन बहुत से स्थानों पर टोल प्लाजा संचालकों ने समझदारी दिखाते हुए स्थानीय ग्रामीणों को आपसी विश्वास में लेकर ऐसी व्यवस्था बनाई हुई है कि वहां विवाद की स्थिति पैदा नहीं होती। इस हाइवे से जिन स्थानीय गांवों को भी टोल दायरे में लिया गया है उसमें ग्राम पाडला, काठूवास, परतापुर, हुरिया, जैतपुर, मनेठी, बासदुदा, कुंड, माजरा, भालखि नांधा, बलवाड़ी, मायन, खलेटा, ढाणी राधा, ढाणी शोभा,कोलाना अहरोद नांगल जमालपुर, ऊंचा नीचा, ढाणी जरावत, नयागांव मंगलपुर,अडींद, महतावास, मांढण, गिगलाना, गोठड़ा,पाली, तीनों मामाडिया, चिताडूंगरा, खोल, गनियार, बजाड़, चंदपुरा व (पाडला-काठुवास) शामिल है जो टोल प्लाजा से 20 किमी के दायरे में आते हैं। यहां के ग्रामीणों का आरोप है कि राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के टोल नियमों अनुसार टोल प्लाजा के 15 किमी के दायरे में आने वाले नजदीकी गांवों में टोल बिल्कुल मुफ्त होता है, किंतु हमसे 285 रु मासिक पास बनवा कर वसूली की जाएगी। यह साथ सरासर अन्याय है। धीरे धीरे इस पास की राशी को बढ़ा दिया जाएगा। निवर्तमान जिला पार्षद आजाद नांधा, मनेठी से राहुल गांधी समेत अनेक मौजित लोगों ने ग्रामीणों से अपील की है कि कोई भी व्यक्ति पास बनवाने की पहल बिल्कुल न करे, और ना ही टोल अदा करे, सभी अपने अपने वाहनों के फास्टैग को हटा लें अन्यथा अपने आप टोल कट जाएगा। टोल कर्मियों द्वारा टोल माँगने पर इसका विरोध करें टोल बिल्कुल ना दे, नहीं मानने पर आप वापस गाड़ी मुड़वाने की कहें लेकिन टोल न कटवाए। एक बार आपने अगर शुरुआत कर दी तो फिर कुछ नही होने वाला। आप इसकी सूचना तुरंत 100 नंबर पर देकर अपनी शिकायत दर्ज करवाये व अपने अपने पंच सरपंचों को अवगत करवाये व सामूहिक रूप से भी शिकायत दर्ज करवाए।।